गुरुवार, 30 सितंबर 2010

अपनी ही गर्मी के पुनर -चक्रण से चलेंगें कम्प्यूटर्स

कम्प्यूटर्स टू रन ओं हीट,रादर दें इलेक्ट्री -सिटी (साइंस -टेक ,मुंबई मिरर ,सितम्बर २९ ,२०१० ,पृष्ठ २५ )।
एक नए सेमी -कंडक्टर (अर्द्ध -चालक पदार्थ )के स्तेमाल से जल्दी कंप्यूटर अपने द्वारा पैदा गर्मी के आंशिक पुनर -चक्रण से ही काम करेंगें .ओहायो स्टेट विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने एक ऐसे प्रभाव का पता लगाया है जो ताप को नर्तन (स्पिन ,एक क्वांटम यांत्रिकीय फिनोमिना )में तब्दील करदेता है .ऐसा एक अर्द्ध -चालक पदार्थ गेलियम मेंग्नीज़ आर्से -नाइड में होता है .
विकसित हो जाने के बाद इस प्रभाव के ऐसे समेकित परिपथ (इंटी -ग्रेटिदसर्किट्स )तैयार किये जा सकेंगें जो ताप से अपना काम अंजाम देंगें ,बिजली (विद्युत् ऊर्जा )से नहीं।

वास्तव में यह शोध दो अभिनव प्रोद्योगिकियों का समन्वय प्रस्तुत करती है :थर्मो -इलेक्त्रिसिती और स्पिन -टरो-निक्स को एक करदेती है .यही वह प्राविधियाँ होंगीं जो ताप को बिजली में तब्दील कर देंगीं ।
स्पिन -टरो -निक्स अभिनव कम्प्यूटर्स का आधार(बुनियाद ) बनने जा रही है ,क्योंकि इस प्रोद्योगिकी में स्वयं कोई गर्मी (ताप ऊर्जा ,या ऊष्मा )नहीं पैदा होगी ।
स्पिन -टरो -निक्स के ताप -गति -विज्ञान (थर्मो -डाय -निमिक्स )पर नै शोध रौशनी डालती है पैमाइश करती है ,माप जोख भी करती है.नेचर विज्ञान साप्ताहिक पत्रिका ने यह शोध प्रकाशित किया है ।
थर्मो -स्पिन -टरो -निक्स के एक संभव उपयोग में इस डिवाइस को एक परम्परागत माइक्रो -प्रोसेसर के ऊपर समायोजित कर दिया जाएगा .वेस्ट हीट को यह प्राविधि साईफन करके बाहर अतिरिक्त मेमोरी या कम्प्यूटेशन को अंजाम देगी ।
बेशक इस सब के बावजूद स्पिन -सी - बेक -इफेक्ट एक रहस्य (अबूझ )ही बना हुआ है .बेशक ताप -विद्युत् का सीबेक प्रभाव +१० के विद्यार्थी भी जानतें हैं ।
सीबेक इफेक्ट ?
दी प्रोडक्शन ऑफ़ एन इलेक्ट्रिक करेंट इन ए सर्किट कंटेनिंग जन्क्संस बिटवीन डिफरेंट मेटल्स और सेमी -कण -डक -टार्स

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