(गत पोस्ट से आगे ...)
और क्योंकि इनके नर्वस सिस्टम एक साथ टिक करने लगते हैं इसीलिए यह दंपत्ति एक दूसरे के मानसिक संवेगों ,आवेगों ज़ज्बातों को जान समझ लेते हैं दूर रहें या पास .साइंसदानों के मुताबिक़ इन अन्वेषणों से ना सिर्फ दम्पत्तियों के परस्पर व्यवहार को जाना समझा जा सकता है खासा इत्तला उनके दोस्तों परिवारियों के बारे भी मिल सकती है .
मनो विज्ञानी जानतें हैं कुछ जोड़े कालान्तर में एक दूसरे की तरह ही सोचना सीख जातें हैं और इसी से वह एक दूसरे के दिल की बात जान लेतें हैं।
लेकिन इस अध्ययन ने तो एक कदम और आगे निकल कर इनके नर्वस सिस्टम का ही जायजा ले लिया .अध्ययन के अगुवा तृषा स्त्रत्फोर्ड के अनुसार जब कपल्स एक आल -तर्ड स्टेट में पहुँच जातें हैं तब वह एक दूसरे का दिमाग पढने समझने लागतें हैं .इसी लिए तो किसी ने कहा होगा :मेरे जैसे हो जावोगे जब इश्क तुम्हें हो जाएगा ....(समाप्त )
मंगलवार, 28 सितंबर 2010
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