बुधवार, 22 सितंबर 2010

कील मुंहांसे हठाने के लिए "इलेक्ट्रिक स्किन पैच"

मैश लाइक मेटीरियल किल्स बेक्टीरिया ,रिमूव्ज़ स्पोट्स विध -इन ३देज़ "इलेक्ट्रिक स्किन पैच टू क्युओर एकने (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितंबर २२ ,२०१० ,पृष्ठ )।
किशोर -किशोरियों के चेहरे को दागदार बनाने वाले कील मुहांसों को हठाने के लिए साइंसदानों ने एक हाई -टेक -इलेक्ट्रिक -पैच विकसित करलेने का दावा पेश किया है .देखने में यह पैच एक प्लास्टर सरीखा ही है लेकिन यह बेक्टीरिया को मारने के लिए एक इलेक्ट्रिक चार्ज (विद्युत् आवेश )का स्तेमाल करता है .यही जीवाणु एकने की नींव रखता करता है ।
एक इजराइली आधारित "टेक्नोलोजी कम्पनी, ओप्लों ,के साइंसदानों ने इसे तैयार किया है .एक छोटे से परिक्षण से पता चला है रात रात भर में ही यह पैच कील -मुहांसों को हठाकर चमड़ी की आब लौटा देता है .स्पोट लेस हो जाती है चमड़ी .दाग का नामोनिशान ही नहीं रह जाता है .तीन दिनों में आसपास के दाद धब्बे भी नदारद हो जातें हैं ।
समझा जाता है यह पैच एक जालीदार पदार्थ का बना है जिसे विशेष अणुओं से संसिक्त (भिगोया ,आप्लावित किया गया है )जब यह अणु चमड़ी की नमी के संपर्क में आतें हैं ,एक सूक्ष्म इलेक्ट्रिक फील्ड (विद्युत् क्षेत्र )पैदा करलेतेंहैं .इसमें जीवाणु ज़िंदा ही नहीं रह पाता है .
अलावा इसके डेड स्किन भी हठ जाती है .जीवाणु तो अपनी जान से जाता ही है .मैश जैसे पदार्थ में सलिक्यलिक(सैली -साइलिक) एसिड भी रहता है .यही मृत चमड़ी को हठाता है जो रोमकूपों को अवरुद्ध किये रहती है .तथा एजे- लिक एसिड पोर्स(चमड़ी के रन्ध्र ) के अन्दर जाकर बेक्टीरिया को मारता है .
अब एक बड़े परीक्षण,आज़माइश की तैयारी चल रही है .तकरीबन एक सौ लोग पैच का स्तेमाल रात भर या फिर ६ घंटा तक करेंगें .साल के अंत तक इस स्टडी के नतीजे भी आजायेंगें .दो सालों के अन्दर पैच भी उपलब्ध हो जाएगा .हालाकि प्लास्टर को एक ही स्पोट ठीक करने के हिसाब से तैयार किया गया है ,लेकिन साइंसदान एक बड़ा पैड तैयार करलेना चाहतें हैं जिसे काममे लेने वाले की सहूलियत के हिसाब से काटा जा सकेगा वांछित आकार में ।
परम्परा गत इलाज़ के तहत क्रीम्स का स्तेमाल कील मुहांसों पर किया जाता रहा है .बेन्ज़ोय्ल पर-ऑक्साइड एक जाना -सुना नाम है .यह मृत चमड़ी का बनना मुल्तवी रखती है ताकि रोमकूप खुले रहें .तथा चमड़ी पर मौजूद जीवाणुओं का सफाया करदेती है ।
दूसरी रण -नीति के तहत बेक्टीरिया के खात्मे के लिए एंटी -बाय -टिक्स का सहारा लिया जाता है .हफ़्तों चलता है यह इलाज़ और कुछेक मामलों में पार्श्व प्रभाव भी सामने आतें हैं .




कोई टिप्पणी नहीं: