"एंटी -बाय -टिक्स फस्ट यूज्ड १५०० ईयर्स एगो "(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितम्बर ११ ,२०१० ,पृष्ठ १९ )।
एक नवीन अध्ययन के अनुसार एंटी बाय -टिक टेट्रा -साइकिलिन का स्तेमाल अबसे कोई १५०० बरस पहले भी उत्तरी अफ़्रीकी लोग बीयर के साथ कर रहे थे .(इस प्रति -जैविक पदार्थ का स्तेमाल बीयर को स्पाइककरने के लिए किया जाता था .) ।
दवा कम्पनी परटेक फार्मा -सिटी -कल्स के माहिरों ने यह नतीजा सूडान और मिश्र की सीमा पर न्युबिया क्षेत्र से प्राप्त अस्थियों के विश्लेषण से किया है .इस क्षेत्र की मिटटी में टेट्रा- साइकिलिन पैदा करने वाली जीवाणु-प्रजातियाँ (बेक्टीरिया स्पिसीज़ )मिले हैं ।
ऐसा प्रतीत होता है इस इलाके में बड़े पैमाने पर बीयर की ब्रूइंग की जाती थी .न्युबियंस,इस क्षेत्र के वासिंदे स्त्रेप्तो -माइसीज का किण्वनअनाज के साथ करते थे .इसे थिक और सोर बनाने ,स्पाइक करने के लिए टेट्रा -साइकिलिन का स्तेमाल किया जाता था .दो साल से ऊपर के तमाम लोग इसका सेवन करते थे .शायद उन्हें इस बेक्टीरिया से मिलने वाले फायदे का इल्म था .शायद यह उनका प्रो -बाय -टिक्स था ?
शनिवार, 11 सितंबर 2010
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