शनिवार, 11 सितंबर 2010

यह मस्जिद उठाऊ है

प्रे एनीव्हेयर विद पोर्टेबिल मोस्क(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितम्बर ११ ,२०१० ,पृष्ठ १९ ).
पेरिस के एक इमाम ने एक ऐसी उठाऊ मस्जिद बनाई है जिसके स्वतंत्र हिस्सों को जोड़ कर कहीं भी इबादत गृह खड़ा कर इबादत की जा सकेगी .वैसे तो जिस जगह नमाज़ पढ़ी जाती है वह जगह पाकीज़ा हो जाती है मस्जिद बन जाती है लेकिन पार्ट टाइम इन्वेन्टर इमाम साहिब की यह मस्जिद जिसे "मिढ़बोक्स "कहाजा रहा है २ मीटर ऊंचाई ले लेती है जब इसके अलग अलग हिस्सों को परस्पर समायोजित किया जाता है यह एक मेहराब की शक्ल ले लेती है जिसमे एक ताख काबा को दर्शाती है .आखिर इधर ,इस जानिब ही तो काबा है .इसी जानिब तो सिजदे में सिर झुक जातें
हैं ।
रिजिड (ठोस और मज़बूत )कार्डबोर्ड ,पोली -स्टाइरीन,प्लाई -वुड या प्लास्टिक सेबने इसके भागों को पुनर्बलित करने के लिए इस पर एल्युमिनियम की दो परतें चढ़ाई गईं हैं .यह मोड्यूलर स्ट्रक्चर (जिसे आसानी से असेम्बिल किया जा सकता है )तीन हिस्सों में विभाजित है .यह तुर्की के कालीन से भी सज्जित है .इसके टॉप रेंज मोडिल्स की कीमत ५७० डॉलर्स से शुरू होती है .इसमें एक इन -बिल्ट लाउड स्पीकर भी शामिल किया गया है .
इमाम हस्सेन बौनाम्चा को उम्मीद है इसकी १००० मोडयुल्स एक साल में बिक जायेंगी .कई देशों में इसका पैट्रन पहले ही बेचा जा चुका है .

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