सोमवार, 27 सितंबर 2010

क्या हैं स्टंट्स ?

यह एक धातु की बनी जाली होती है,जाल होता है (जैसे बाल पेन की रिफिल )वायर- मेश होता है .इसे ख़ास तौर से धमनी के हिसाब से डिजाइन किया जाता है .(आजकल दवा संसिक्त .,दवा सने तथा जैव -निम्नीकृत हो सकने योग्य स्टंट भी आ रहें हैं ).इसे ही धमनी में पिरोया जाता है .आमतौर पर इसे एक बेलून पर चढ़ाया जाता जिसे हिसाब से दाबित किया जा सकता है प्रेशराइज़्द किया जा सकता है .इसे इस प्रकार डिजाइन किया जाता है ,यह बेलून के खुलनेफुलाने के बाद खुले .तथा बेलून के डी -फ्लेट(दबने- बुझ जाने के बाद ) हो जाने के बाद भी यह सदैव ही धमनी को खोले रहे ,साफ़ रखे .इसे धमनी में ही छोड़ दिया जाता है .परम्परा गत स्टंट्स में धमनी के दोबारा सँकरा पड़कर अवरुद्ध हो जाने का ख़तरा बना रहता है .
दवा से भिगोये गये स्टंट्स रिस्टेनोसिस(धमनी के दोबारा अवरुद्ध हो जाने को )मुल्तवी रखते हैं ,ज्यादातर मामलों में ,कभी कभार ही धमनी दोबारा अवरुद्ध होती है ।
दी इंटेंशन ऑफ़ दिस टाइम टेकिंग प्रोसेस देट इजएंजियो -प्लास्टी विद स्तेन्टिंग इज टू स्लो डाउन दी अनवान -टिड ग्रोथ ऑफ़ सेल्स (रिस्टेनोसिस )व्हिच काज़िज़ रिब्लोकेज़िज़ एंड एलाऊज़ दी आर्टरी टू हील .(समाप्त )

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