गत पोस्ट से आगे .....
बेशक उम्र के साथ पेशीय वजन (मसल मॉस ,पेशीय द्रवयमान )कम ज़रूर होता है लेकिन तनाव से पैदा स्ट्रेस हारमोन कोर्तिसोल का बढाहुआ स्तर इस प्रक्रिया को और भी तेज़ कर देता है (स्रोत :शावन टालबोट ,पी एच डी ,ऑथर ऑफ़ कोर्टिसोल कनेक्शन )।
कोर्टिसोल हमारे शरीर को वसा भंडारण के लिए भी प्रेरित करता है .खासकर एब्डोमिनल (विसीरल फैट )।वसा के भंडारण को बढ़ावा देता है .
विस्सिरल :दी ओर्गेंस विद्हींन दी बॉडी केविटीज़ ,स्पेशियली दी ओर्गेंस ऑफ़ दी एब्डोमिनल केविटीज़ (स्टमक इंटेस-टा -इन्स एटसेट्रा )।
और यही सबसे खतरनाक स्थान है ,क्योंकि यह सभी प्रमुख अंगों को घेरे रहता है .तथा आपके खून में वसीय अम्ल(फैटी एसिड्स ) छोड़ता रहता है ,इसी से कोलेस्ट्रोल और इंसुलिन का स्तर रक्त में बढ़ जाता है .यहीं से हृद रोगों तथा डायबिटीज़ की बुनियाद पड़ जाती है .
एक ही विकल्प है :एन्ग्जायती से बाहर आया जाए .निम्न सात उपायों को अपना कर आप स्ट्रेस का प्रबंधन कर कोर्टिसोल को मात दे सकतें हैं .अपना वजन भी एक सीमा में बनाए रख सकतें हैं .कमोबेश अपनी सेहत की संभाल रख सकतें हैं .(ज़ारी )
रविवार, 12 सितंबर 2010
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