कोमन कोल्ड वायरस मेक्स किड्स फैट?(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई सितम्बर २१ ,२०१० ,पृष्ठ १९ )।
अमरीकी रिसर्चरों के मुताबिक़ जो बच्चे कोमन कोल्ड के आम वायरस "एडिनो -वायरस ३६ "से ग्रस्त मिले जिनमे सर्दी जुकाम के लक्षण पाए गये ,आँखों में कुछेक कीइन्हीं बच्चों में से संक्रमण भी पाया गया उनका वजन भी औसतन बाकी उन बच्चों से जिनमे इस विषाणु से पैदा एंटी -बॉडीज नहीं मिले २२.६ किलोग्रेम वेट ज्यादा मिला ।
रिसर्चरों के मुताबिक़ इसका मतलब यह हुआ बालपन का वायरल इन्फेक्शन (वायरस से पैदा होने वाला संक्रमण ) उनकी ओबेसिटी (मुटियाने )की वजह भी बनता है ।
केलिफोर्निया विश्व -विद्यालय ,सन डिएगो कैम्पस के रिसर्चरों को पता चला ओबेसि बच्चों में इस एक ख़ास विषाणु स्ट्रेन एडिनो -वायरस से पैदा एंटी -बॉडीज सामान्य वजन वाले बच्चों से कहीं ज्यादा पाए जाने की संभावना देखी गई .पीडिया- ट्रिक्स के ऑन लाइन संस्करण में इस अध्ययन की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है .
अध्ययन से एक बात और भी साफ़ हुई है शरीर के वजन का विनियमन (बॉडी वेट रेग्युलेसन )तथा मोटापे का पनपना (डिव -लप -मेंट ऑफ़ ओबेसिटी )बहुत ही उलझे हुए विषय हैं .मतलब सिर्फ यह नहीं है कुछ बच्चे ज़रुरत से ज्यादा खातें हैं तो कुछ कम .ऐसे भी बच्चे हैं जो गलत और अस्वास्थाय्कर भोजन गलत (ज्यादा मात्रा में खातें हैं )फिरभी ओबेसि नहीं हैं ।
कुछ और माहिर इस शोध के बारे में कहतें हैं इससे कहीं भी यह सिद्ध नहीं होता ,वायरस वेट गैन की वजह बन रहा है .ऐसा भी तो हो सकता है ओबेसि बच्चे अपेक्षाकृत ज्यादा इस विषाणु के असर में आजातें हैं ।
अलबत्ता पूर्व की रिसर्च (विद सेल्स इन पेट्री- डिश ) ऐसा सुझाव ज़रूर देती है ,यह वायरस हमारे शरीर में कुछ ऐसे बदलाव ला देता है जिनकी वजह से हमारा वजन भी बढना शुरू हो जाता है .पूर्व की रिसर्चों में यह भी बतलाया गया था ,यह वायरस फैट सेल्स प्री -कर्सर्स में दाखिल हो जाता है ,उन्हें रिवायर करता है और ज्यादा फैट सेल्स बनाने के लिए उकसाता है .या फिर वसा कोशिकाओं को ही इस तरह से संशोधित करदेता है ,वह ज्यादा वसा तैयार करने लगतीं हैं ।
एनीमल स्टडीज़ में पुष्ट हुआ है इन्हें एडिनो -वायरस-३६ से इन्फेक्ट करने पर यह मोटे होने लगतें हैं बेतरह इनका वजन बढ़ने लगता है .
अधययन में रिसर्चरों ने १२४ बच्चों (८-१८ साला उम्र )में एडिनो -वायरस -३६ से सम्बद्ध विशिष्ट एंटी -बॉडीज की पड़ताल की .ह्यूमेन ओबेसिटी से सम्बद्ध यह अकेला एडिनो -वायरस है .जो बच्चे एडिनो -वायरस पोजिटिव पाए गये उनका वजन भी औसतन २२.६ किलोग्रेम वेट ज्यादा रहा बरक्स उनके जो एडिनो -वायरस नि -गेटिव थे .सिर्फ मोटे बच्चों के समूह में भी जो एडिनो ३६इन्फेक्सन से ग्रस्त थे औसतन १५.८ किलोग्रेम वजन ज्यादा पाया गया बरक्स इसी समूह के उन बच्चों के जो इस संक्रमण से बचे हुए थे .
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