सोमवार, 20 सितंबर 2010

कैसे नाकारा बनाता है एच आई वी,,विषाणु एड्स रोधी दवा को

अन -रेवल्ड :हाव एच आई वी फाइट्स एड्स ड्रग (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितम्बर २० ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।
एक ऐसे अन्वेषण में जो एड्स के इलाज़ को और असरदार बना सकता है ,साइंसदानों ने इस बात का पता लगाया है ,कैसे एड्स का आम विषाणु "एच आई वी -१ "(एड्स विषाणु की आम फ़हम रोग कारक स्ट्रेन ) इस सिंड्रोम के प्रबंधन में सबसे ज्यादा स्तेमाल होने वाली दवा को बेअसर बना देता है .इसी स्ट्रेन की भेंट हर साल २० लाख से ज्यादा लोग चढ़ जातें हैं .
रूतगेर्स यूनिवर्सिटी ,न्यू -जर्सी, कैम्पस के रिसर्चरों ने पता लगाया है ,एच आई वी -१ वायरस दवा "ए जेड टी "को बे -असर कर देता है यही दवा रोग के लक्षणों को मुल्तवी रखती आई है .इस एवज यह एक बहुतही आम कोशिका अणु
(कोमन सेल्युलर मोलिक्युल ) "एटीपी " को काम में लेता है .उम्मीद की जाती है यह सब जान समझ लेने के बाद इस की काट भी सोच ली जायेगी .प्रभाव- शाली तरीके से तब इलाज़ भी हो सकेगा .

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