पहली किश्त :
जापानके बहुचर्चित डायची नाभिकीय संयंत्र के गिर्द फिलवक्त रेडियोविकिरण का स्तर अधिकारी गण ५०० मिली -सीवार्ट्स के नीचे बनाए रखने में कामयाब रहें हैं .कलतक यह स्तर १००-४०० मिली -सीवार्ट्स के बीच ही बना रहा है ।
(ताकि सनदरहे हर अमरीकी पर हर बरस औसतन ६.२ मिलिसीवार्ट्स विकिरण की बौछार पडती है .सी टी स्केन्स से लेकर एक्स रेज़ तक अनेक रोग -नैदानिक स्रोत हैं इस विकिरण के अलबत्ता डायग्नोसिस के दौरान विकिरण शरीर को देर तक आलोकित नहीं करपाता है .पल दो पल के लिए ही पड़ता है एक बार में ।).
डायची संयंत्र से जैसे -जैसे आप दूर जायेंगें विकिरण की डोज़ घटती चली जायेगी .दूरी दोगनी होजाने पर डोज़ घटके एक चौथाई तथा तीनगुना होजाने पर पहले के बरक्स नौवां हिस्सा ही रह जायेगी ।
फिर भी माहिरों ने संयंत्र से आसपास के लोगों को तीस किलोमीटर की दूरी बनाए रखने के लिए कहा है ,हिदायत दी है तीस किलोमीटर के दायरे में आने वाले तमाम लोगों को -अपने घरों से बाहर न निकलें ।
क्योंकि सुरक्षित समझी जाने वाली डोज़ का लगातार तीन घंटा शरीर पर पड़ना रेडियेशन सिकनेस तथा ८ घंटा लगातार गिरना तमाम शरीर पर बेहद घातक भी सिद्ध हो सकता है .(ज़ारी ...)
गुरुवार, 17 मार्च 2011
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1 टिप्पणी:
shukriyaa zanaab kaa .thnx for visiting Mii Sir !
veerubhai with regards .
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