बेशक ११ मार्च के ज़लज़ले (तेम्बलर,भूकंप )ने जापान के फुकुशिमा एटमी बिजली संयंत्र को तहस नहस कर दिया है लेकिन इसके आसपास संभावित रेडिओ -एक्टिव रैन से कोई नुकसानी होने की संभावना नहीं है क्योंकि इसमें रेडियो -सक्रिय पदार्थ की मात्रा बहुत अल्पांश में ही होगी अलावा इसके रेडियो -विकिरण का स्तर औसत कुदरती डोज़ से ज्यादा नहीं रहेगा .यही कहना है माहिरों का ।जापन के फुकुशिमा -
बोइलिंग वाटर रिएक्टरमें प्रयुक्त युरेनियम पेलट्स से निकलने वाला रेडियो आयोडीन तो वर्षा जल में घुल कर अपना मारकअसर खो देगा ।इससे मानव स्वास्थ्य की कोई नुकसानी नहीं होनी है .
अलबत्ता जापान ने फुकुशिमा पर्फेक्चर से खाद्य पदार्थों की बिक्री निलंबित कर दी है .इन खाद्यों में बेशक थोड़ा सा रेडियो -विकिरण आगया है .इससे बचाव के लिए पूर्व में रेडियो -विकिरण के माहिरों ने स्टेबिल आयोडीन इंजेस्ट करने की सलाह दी थी .(अन्स्तेबिल आयोडीन १३१ ही रेडियो -आयोडीन है ,स्टेबिल नहीं जो उसके असर को समाप्त कर देता है .).
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