आखिर में विज्ञान से हटकर हम यही कहना चाहेंगे "नोक्टुर्नल '"का शाब्दिक अर्थ भी उन एनिमल्स से लगाया जाता है जो रात्रि में ज्यादा मुस्तैद (एक्टिव )हो जातें हैं .जैसे उलूक ,लेकिन इसके जैविक कारण हैं .बिल्लियाँ भी घात लगाकर अपने शिकार पर हमला बोलतीं हैं ,अँधेरे में उनकी प्यूपिल (आँख की पुतली ,ज्यादा फैलती है ,उसे शिकार दिखलाई देता है )क्योंकि आँख में रौशनी पुतली के ज्यादा फैलने से ज्यादा प्रवेश करती है ..लेकिन हमें अँधेरे में ही नींद आती है इसीलिए शयन कक्षों को अन्धेरा रखा जाता है सोते वक्त .ताकि पर्याप्त मात्रा में मिलेटोनिंन हारमोन बन सके ।
रात में काम करना पालियों में ,कुदरत को ठेंगा दिखाना है .दरहकीकत यह खुद को मुगालते में रखना है .कुदरत के न्याय निराले हैंऔर नैजिक हैं ,विज्ञान भी इनकी पुष्टि करता प्रतीत होता है "नाईट शिफ्ट और स्लीप "के सन्दर्भ में .
रविवार, 27 मार्च 2011
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