एडल्ट्स नाव हफिंग मोर देन किड्स -सी एन एन हेल्थ ,मार्च १७ ,२०११ ।
व्हाट इज हफिंग ?
सुरूर में आने के लिए ,किक लेने या कथित "गेटिंग हाई ",नशा पत्ता करने का एक और तरीका है :रासायनिक वेपर्स (रासायनिक वाष्प )को सूंघा अन्दर सांस के साथ उडेला जाए यही है हफिंग ।
अभी तक यही समझा जाता था यह मात्र किशोर -किशोरियों का शगल है "ड्रग अब्यूज है "एक नै तरह का ,लेकिन फिलवक्त यथार्थ कुछ और ही कहानी ब्यान करता है ।
सब्सटेंस एब्यूज एंड मेंटल हेल्थ सर्विसिज़ एडमिनिस्ट्रेशन (एस ए एम् एच एस ए ) द्वारा संपन्न एक ताज़ा अध्ययन के मुताबिक़ अब अमरीकी वयस्क (बालिग़ ,अमरीकी एडल्ट )इस चक्कर ( ड्रग एब्यूज )के फेर में ज्यादा फंसे हुए हैं ।
एस ए इम एच एस ए के अनुसार २०१० में एक लाख से भी ज्यादा वयस्क अमरीकी हफिंग की लत पाले हुए थे .यह संख्या क्रेक ,हेरोइन या पी सी पी ,एल एस डीके लतियों से ,से भी ज्यादा थी .
२००८ में ड्रग एब्यूज से पिंड छुडाने के लिए इलाज़ करवाने वालों में ५४%बालिग़ ही थे .(१८ साल से ऊपर ही थी इन सबकी उम्र .)।
क्या क्या नुक्सानात हो सकतें हैं इस क्रेज़ के ,हफिंग के ?
दीर्घावधि में हफिंग और स्निफिंग फेफड़ों ,दिमाग ,यकृत (लीवर )तथा गुर्दों (किड -नीज )तथा हमारी आँखों को इर-रीवार्सिबिल तौर पर डेमेज कर सकतें हैं .ऐसी नुकसानी जिसको मुकम्मिल नुकसानी का दर्ज़ा दे दिया जाए जो लौट के ठीक न हो सके ,अन -उत्क्रमनीय.
क्या -क्या न सूंघ रहें हैं लोग इस क्रेज़ में ?
ग्ल्यू ,स्प्रे पैंट्स एंड मार्कर्स ,हेयर -स्प्रे ,एयर फ्रेशनर ,नैल पोलिश ,रिमूवर ,दियोद्रेंट्स(डीयोज़),कंप्यूटर 'की' पैंट रिमूवर ,स्पोट रिमूवर ,कुकिंग स्प्रेज़ और व्हिपिंग क्रीम्स को भी सूंघ ,इन्हेल कर रहें हैं लोग ।
सडनस्निफिंग डेथ :पहली मर्तबा सांस के साथ ये रासायनिक वाष्प सांस के साथ फेफड़ों में भरने के दौरान भीआकस्मिक तौर पर मौत हो सकती है यही कहना है माहिरों का ।
एन आई पी सी के प्रशाशनिक निदेशक के अनुसार गत वर्ष इलाज़ के लिए जितने लोग आये उनमे तीन चौथाई पुरुष थे (बालिग़ ),७२ %व्हाइट्स थे .इनमे से ३२ % ने दसवीं भी पास न किया था ।
व्हाईट हाउस ऑफिस ऑफ़ नेशनल ड्रग कंट्रोल पालिसी के निदेशक के अनुसार हम अमरीकियों के घर ड्रग एब्यूज को निमंत्रित कर रहें हैं .सिंक से लेकर यूटिलिटी रूम्स तक इन्हीं रासायनिक वाष्पशील पदार्थों का डेरा है ,प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स से भरी हुई मेडिसन केब्निट्स घर घर में हैं इन्हें न सिर्फ नौनिहालों से बचाने की ज़रुरत है बड़ों को भी इनके नुक्सानात समझने समझाने होंगें .हफिंग का ख़तरा आज आबालवृद्धों सभी को यकसां है .
शनिवार, 19 मार्च 2011
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