साइकोलोजिकल साइंस में २००८ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक़ जब बच्चे बड़े हो जातें हैं और अपने पैरों पर खड़े हो जातें हैं तब दम्पति को अपने पर अपने संबंधों पर ध्यान देने का इनकम को अपनी सहूलियत के हिसाब से खर्च करने का अपनी सेक्स लाइफ पर फोकस करने का ज्यादा मौक़ा मिलता है ।
सेक्स थिरेपी के माहिर डेविड स्च्नार्च के अनुसार उम्र के दो सौपान होतें हैं किशोरावस्था और अर्ली और लेट ट्वंटीज "जेनिटल प्राइम "का वक्त होता है बेशक इस वक्फे में हमारा शरीर बेस्ट शेप में होता है लेकिन यही बात इस उम्र में दिमाग के बारे में नहीं कही जासकती जो सेक्स्युँली उतना ही परिक्व हो यह ज़रूरी नहीं है ।
"सेक्स्युअल प्राइम" इज मोर बियोंड "हॉट -एंड -हेवी सेक्स ईयर्स ".यह मिडिल एज ,प्रौढावस्था से ज्यादा ताल्लुक रखता है ,हाई स्कूल से कम ।
उम्र दराज़ होते होते हम अपने से भी पूरी तरह न सिर्फ वाकिफ हो जातें हैं जैसे भी हम हैं उसे सहर्ष स्वीकार भी करलेतें हैं ,सीमाओं को भी संभावनाओं को भी .न कोई इन्हिबीशन न कुछ पूछने का भय रहता है ।
उम्र का हमारे यौन जीवन पर उतना प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है जितना उन अस्वास्थाय्कर आदतों का पड़ता है जो हम सालों साल पाले रहतें हैं .बेहद का स्ट्रेस (दवाबकारी दौर ),लिटिल स्लीप (नींद से महरूमी ),पूअर ईटिंग हेबिट्स (खान -पान की अस्वास्थ्य- कर आदतें )अपनी पूरी कीमत वसूलतीं हैं अलावा इसके न अपने और न अपने साथी के लिए वक्त मिल पाना यौन जीवन को ज्यादा असरग्रस्त करता है ,बरक्स बढती उम्र के .
कुलमिलाकर अपने स्वास्थ्य के प्रति बरती गई लापरवाही हमारे पारस्परिक यौन संबंधो की चुकती आंच की ,सेस्युअल "हेल्थ वोज "के वजह बनती है .जबकि उम्र दराज़ पचासे और साठे होते हुए भी लोग इस आंच को बनाए रहतें हैं ,दे आर मोर सेक्स्युँली फिट देन देयर यंगर प्रेडीसेसर्स ।
सेक्स इज ओफतिन स्लोवर एज वी एज :
बेशक युवा (मोतार्मायें चंद लम्हाहात में चंद सेकिंड्स में ही वेट (लुब्रिकेट )हो जातीं हैं , युवाओं में लिंगोथ्थान जल्दी हो जाता है ,प्रौढ़ाओं में यह वक्फा कुछ मिनिट्स ले सकता है ,उम्र दराज़ प्रौढ़ों (मेल्स )में इरेक्शन थोड़ा वक्त ले सकता है ,लेकिन इसी अनुपात में नियंत्रण भी बढ़ जाता है .ऐसे में अपने साथी के साथ कनेक्ट होने ,फोरप्ले का ज्यादा वक्त मिलता है जो एक दूसरे की सेक्स्युँलिती को नए सिरे से आंजने का मौक़ा देता है .सब कुछ नया इवेंट . .(सब कुछ नया नया बिलकुल शादी की पहली रात जैसा ) .फोरप्ले कैन बिकम दी मैन इवेंट .
इक बात और उम्र के साथ टेस्ता -स्टेरोंन घटता है ,इस्ट्रोजन बढ़ता है ।
ओल्डर मैन आर एबिल टू फोकस मोर एंड अप्रिशियेत दी टेंडर -नेस ऑफ़ सेक्स . इक दूसरे को पूरा जानलेने के बाद इन्हिबीशंस चुक जातें हैं ।
माइंड इज दी बिगेस्ट सेक्स्युअल ओर्गेंन . पोजिटिव एतित्युद एंड कमिटमेंट टू ओवर आल हेल्थ इज दी वे टू मेक्सिमाइज़ सेक्स्युँलिती वेदर यु आर ३० एंड ऑर ८० .
शनिवार, 19 मार्च 2011
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