ज़रूरी नहीं है मधुमेह ग्रस्त होने पर इस रोग के लक्षण तत्काल प्रकट हो जाएँ सालों साल गुप्त भी बने रह सकतें हैं .और एक दिन एक साधारण सी जांच से आपको पता चल सकता है :आपको मधुमेह है ।
बेशक पोलियुरीया ,पोलिदिप्सीया और पोली फेज़िया यानी खासकर रात को ज्यादा बार वाशरूम का स्तेमाल करना (मूत्र त्याग करना ),बेहद की प्यास का लगना ,भूख का एकदम से तेज़ लगना इसके ज्ञात लक्षणों में से हैं ।
मधुमेह होने पर आपको सामान्य से ज्यादा थकान का अनुभव होगा ,टाइप-वन डायबिटीज़ (ज्वेनाइल ओंसेट डायबिटीज़ )में वजन में कमी दर्ज़ हो सकती है टाइप -२ में मोटापा बढ़ सकता है ।
अलावा इसके मधुमेह होने पर और इसकी शिनाख्त न होने के अभाव में जख्म भी देर से भरता है ,पांवों में सुन्नी या झं -झनाहट ,बीनाई (विज़न )का कमज़ोर होना ,चमड़ी का सूखापन ,स्किन इन्फ्लेमेशन (चमड़ी में रोग संक्रमण होना )इसके अन्य लक्षण हो सकतें हैं .ज़रूरी नहीं है सभी मरीजों में लक्षण एक जैसे ही हों ,रोग की अलग अलग अवस्था (स्टेज अलग हो सकती है अलग अलग लोगों में )अलबत्ता मेडिकल टेस्ट्स में चिकित्सीय जांच में
(१)ग्लाइकोज -यूरिया (ग्लाइकोस -स्यूरिया )यानी मूत्र में ग्लूकोज़ की बड़ी मात्रा में मौजूदगी जो आमतौर पर मूत्र में न के बराबर ही मिलती है स्वस्थ व्यक्ति में ।
(२)हाई -पर -ग्लाई -सीमिया (एन एक्सेस ऑफ़ ग्लूकोज़ इन दी ब्लड स्ट्रीम )यानी रक्त में ग्लूकोज़ की अतिरिक्त मात्रा जिसकी वजह इंसुलिन की कमी भी हो सकती है ,कुछ अन्य रोगों तथा कार्बो -हाइड्रेट्स के ज्यादा सेवन से भी ऐसा हो सकता है .इलाज़ के अभाव में यह स्थिति डायबेटिक कोमा की और भी ले जासकती है .
(३)असाधारण ग्लूकोज़ टोलरेंस
का पता चल सकता है ।
यही रोग निदान यानी डायग्नोसिस है .
शुक्रवार, 18 मार्च 2011
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