व्हाई इज मल्टी -टास्किंग एंड क्रोस वाल्क्स ए रिस्की मिक्स फॉर एल्दरली ?
एक नए अध्ययन के अनुसार सेल फोन पर बतियाते हुए सड़क क्रोस करना बुजुर्गों के लिए खासतौर पर जोखिम से भरा काम हैइसका मतलब यह नहीं है औरों के लिए यह निरापद है .सवाल खतरे की इंटेंसिटीका है जोखिम के वजन के ज्यादा होने का है ।
विज्ञान पत्रिका "साइकोलोजी एंड एजिंग "में प्रकाशित हो चुका है यह अध्ययन .यह उन अन्य अध्ययनों को भी पुष्ट करता है जिनमे बतलाया गया था ,एक साथ एक से ज्यादा कामों में हाथ डालना एक उम्र दराज़ व्यक्ति के रोज़ मर्रा के कामों को असरग्रस्त करता है ।
प्रोफ़ेसर ऑफ़ न्यूरोलोजी एंड साइकोलोजी ,केलिफोर्निया विश्विद्यालय संफ्रान्सिसको कैम्पस ,एडम गज्ज़ले ,एम् .डी भी .इसपरअपनी मोहर लगातें हैं ।ऐसा ही विचार अभिव्यक्त करतें हैं ।
५९-८१ साला लोग एक प्रयोग में एक वर्च्युअल स्ट्रीट को उस समय ३० सेकिंड्स के अन्दर -अन्दरपार करने से चूक गए जब वे फोन पर भी बतिया रहे थे स्ट्रीट को भी क्रोस कर रहे थे .जबकि प्रयोग में शामिल उनके युवा साथी ३० सेकिंड में ही इसे पार कर गए ॥
ऐसा संभवतय "कोगनिटिव इंटर -फीयारेंस "(बोध -व्यतिरेक,संज्ञानात्मक विक्षोभ )की वजह से हुआ जिसके लिए इनकी उम्र कुसूरवार रही .ऐसा अतिरिक्त सावधानी बरतने की वजह से नहीं हुआ था ।
मानसिक और दृश्य संशाधन (मेंटल एंड विज्युअल प्रोसेसिंग )दोनों को असर ग्रस्त करती है इस उम्र में मल्टी -टास्किंग .अवमंदन कर देती है इस प्रोसेसिंग का जो सामने से आने वाले वाहन को न सिर्फ ठीक से देखने के लिए ज़रूरी है उसकी रफ़्तार का जायज़ा लेने के लिए और भी ज़रूरी है .
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