(११)लुक एत बिग पिक्चर :
हल्का फुल्का दरमियाना व्यायाम तुरत फुरत निपटा लेना ही सेहत के लिए काफी नहीं है नजर इस बात पर रखनी है अगले बरस मुझे क्या करना है .इस पर बने रहना ,टिके रहना दीर्घावधि में रंग लाएगा .सेहत के लिए अच्छे नतीजे निकलेंगें .आपके व्यवहार में एटी -त्युड में असल तबदीली अपने लिए होनी चाहिए ।
(१२)चेंज वन बिहेवियर एट ए टाइम :
एक बार में एक व्यवहार ,एटी -त्युड को बदलना संवारना ज्यादा आसान है सबकुछ को एक साथ सुधार लेने के बनिस -पत .बेशक मेडिकेशन ,स्विचिंग योर डाइट ,चेकिंग योर फीट सब ज़रूरी हैं ।
बस एक बार में कसरत के प्रति ही अपना रवैया बदलके देख लीजिए ,ज्यादा तवज्जो देके देखें ,आपके हीमो -ग्लोबिन -ए १ -सी में दोगुना सुधार आजायेगा .अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हुई है ।
(१३)गेट एन एक्सरसाइज़ प्रेस्क्रिप्शन :
आपका फिजियो ,फिटनेस का माहिर पहले आपकी फिटनेस को तौलेगा तभी एक ख़ास इन्तेंसिती का व्यायाम आपको बतलायेगा .धीरे -धीरे ही उसकी इंटेंसिटी बढ़ाएगा .एक से दूसरे चरण में आपको लेजायेगा ।
अनफिट रह जाने वाले लोगों के लिए पहले हल्का फुल्का व्यायाम ही बतलायेगा ,रफ्ता रफ्ता उसी पर देर तक टिके रहने के लिए कहेगा तब जाकर ज्यादा इन्तेंसिती एक्सरसाइज़ की ओर लेजाने की सोचेगा नतीजे देखने परखने के बाद ।
(१४)कनेक्ट विद ए मेंटर और बिकम वन :
अपने डॉ या फिर डायबेटिक एज्युकेटर से पूछिए आपको ऐसे किसी टाइप -२ डायबेटिक से मेच करे ,बतलाये कैसे उसने कामयाबी के साथ अपना वजन कसरत के ज़रिये कम किया .वह व्यक्ति भी आपको एक्सरसाइज़ टिप्स दे सकता है प्रेरित कर सकता है ।
(१५)टेस्ट योर सेल्फ रेग्युलरली :सबसे ज़रूरी है अपने हीमो -ग्लोबिन -ए १ सी ,ब्लड सुगर का नियमित हिसाब किताब रखना जांच करना करवाना ।
अच्छे नतीजे आपको एक्सरसाइज़ प्रोग्रेम पर बने रहने के लिए प्रेरित करेंगे ,तब भी जब यह आपको मुश्किल प्रतीत होता होगा .यकीन मानिए .इन नुश्खों ,टिप्स को आजमाने के फायदे ही फायदे हैं .
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