"यस ,ओरल सेक्स इज सेक्स ,एंड इट कैन बूस्ट कैंसर रिस्क ।"
इस शीर्षक में किशोर -किशोरियों के लिए सन्देश साफ़ है ,ओरल सेक्स न तो कोई खेल है न करीब जाने का तरीका है .मुख मैथुन में वह तमाम खतरे निहित हैं जो वेजिनल इंटर -कोर्स में रहतें हैं (बिना सुरक्षा उपाय अपनाए )।
इसके ज़रिये वह पेपिलोमा वायरस अपना खेल खुलकर दिखा सकता है "ओरो -फेरिन्क्स्ग कैंसर "(मिडिल पार्ट ऑफ़ दी थ्रोट )के रूप में .मुख कैंसर बनकर .ओरल कैंसर की सौगात दे सकता है ओरल सेक्स .जिसकी माहिरों को १३० स्ट्रेन का अब तक पता चल चुका है जो हमारे अन्दर चुपचाप पड़ीं हैं मौके की तलाश में .सभी की काट के लिए हमारे पास विशिष्ठ वेक्सीनें नहीं हैं .नतीजा हाथों के ऊपर तथा पैरों के ऊपर बिनाइन वार्ट्स भी हो सकता है ।
अलबत्ता अमरीका में पेपिलोमा ह्यूमेन वायरस ओरल कैंसर की प्रमुखतम वजह बन गया है .पचास साल से कम उम्र के लोगों में यह ओरो -फेरिंक्स कैंसर की प्रधान वजह बना हुआ है ।
तम्बाकू से पैदा मुख कैंसर (ओरल कैंसर )को इसने बहुत पीछे छोड़ दिया है ।
३७ ,००० तो इसके दाय्ग्नोज्द(रोग निदान के बाद तयशुदा ) केसिज हैं .
गुरुवार, 17 मार्च 2011
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