ब्लड टेस्ट्स :कई किस्म के परीक्षण हैं लेकिन केवल इक बार खून की डायबिटीज़ के लिए जांच कराने से कुछ ख़ास पता नहीं चलता .कई बार होने चाहिए ये परीक्षण आवधिक तौर पर रोग की पुष्टि के लिए .
इनमे से ही इक है फास्टिंग प्लाज्मा टेस्ट (ब्लड सुगर फास्टिंग जिसमे कमसे कम ८ घंटे की फास्टिंग ज़रूरी है टेस्ट करवाने से पहले )।
ब्लड ग्लूकोज़ का उपर्युक्त परीक्षण में "एबव १२६ मिलिग्रेम पर डेसीलिटर"से ऊपर आना दो बार के परीक्षण में मधुमेह रोग की पुष्टि करता है .
दी नोर्मल कट ऑफ़ इज ९९ मिलिग्रेम /डेसीलिटर ।
ब्लड सुगर फास्टिंग का स्तर १००-१२५ मिलिग्रेम /डेसीलिटर आना रहना प्री -डायबिटीज़ /प्री -डायबेटिक होने का संकेत है .
सोमवार, 28 मार्च 2011
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