इफ यु हेव ए मेनिया एपिसोड टेक ए मूड स्तेबिलाइज़िन्ग ड्रग इन कंसल्टेशन विद योर साइकिआत्रिस्त ।
रचनात्मकता का एहसास करा सकता है मेनिया ?लेकिन क्या सचमुच रचनात्मक होता भी है ?
मेनिया लिखवाता है आदमीसे बीस बीस घंटे यदि उसे लिखने का शौक है तो .वह खुद अपने होशोहवास में नहीं लिखता है .एक सामान्य व्यक्ति ऐसा कर भी नहीं सकता लेकिन बाईपोलर डिस -ऑर्डर की मेनियाक फेज़ में ऐसा हो सकता है ..वन इज रादर द्रिविन टू राइटिंग.
याद रहे एंटी -डिप्रेसेंट्स का सेवन भी मेनियाक फेज़ में ले आता है इक ट्रिगर का काम कर सकता है खासकर तब जब आप एंटी -डिप्रेसेंट्स ले रहें हैं और वह असर नहीं कर रहें हैं .दे आलवेज़ डोंट वर्क आइदर .लेकिन ऐसा होने पर अपने साइकियाट्रिस्ट से पूछिए "कहीं मुझे बाई -पोलर -इलनेस "तो नहीं है ?यही परामर्श देतें हैं मिचेसल ई थासे ,एम् .डी .आप पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय ,फिलाडेल्फिया कैम्पस में मनोरोग विभाग में प्रोफ़ेसर हैं .
एंटी -डिप्रेसेंट के प्रति एक असामान्य प्रतिक्रया साफ़ संकेत है बाई -पोलर डिस -ऑर्डर की ओर .
यदि अवसाद रोधी दवा लेने के बाद आपकी विचार सरणी तेज़ी से दौड़ती ही चली नजा रही है थमने का नाम ही नहीं ले रही है .आप ज़रुरत से ज्यादा यौनोंमुख (स्त्रोंगर सेक्स्युअल ड्राइव ,बेहद हाई लिबिडो )हो रहें हैं ,इनसोम्निया की (अ -निद्रा )की बीमारी इन दवाओं को लेने के बाद और भी बे -चैन कर रही है तब यह और कुछ भी हो सकता है अवसाद के लक्षण नहीं हैं ।
मेनिक एपिसोड भी हो सकता है यह जबकि आप अवसाद की गिरिफ्त से भी कहाँ बाहर आपायें हैं .अवसाद से रिकवरी नहीं है ये .इसी वक्त आपको मूड स्तेबिलाइज़िन्ग ड्रग्स चाहिए .
गुरुवार, 24 मार्च 2011
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