सीरिअल मे हेल्प वार्ड ऑफ़ हाई -पर -टेंशन :हेल्थ .कॉम /मार्च २२ ,२०११ ।
जहां मोटापा ,कसरत की हमारी दिनचर्या से नदारदी(लेक ऑफ़ एक्सरसाइज़ ),संशाधित खाद्यों के चलन के साथ सोडियम का ज्यादा स्तेमाल और जिंदगी पर शाशन करता तनाव ब्लड प्रेशर की वजह बनता है ,ब्लड प्रेशर को और भी बढाने वाला सिद्ध हो रहा है वहीँ सुबह के नियमित नाश्ते में होल ग्रेन सीरियल जो रेशे और पुष्टिकर तत्वों से भरपूर है क्योंकि इसमें किशमिश के अलावा सूखे मेवे और फल भी रहतें हैं ब्लड प्रेशर से बचाव में इसे कमतर रखने में सहायक हो सकता है .यही लब्बोलुआब है उस दीर्घावधि तक चलते रहने वाले काया -चिकित्सकों के स्वास्थ्य से सम्बंधित (लॉन्ग रनिंग फिजीशियंस हेल्थ स्टडी )का जिसमे१३,००० ,औसतन ५२ साला मर्द शामिल रहें हैं जिनका ब्लड प्रेशर अध्ययन की शुरुआत में सामान्य था ।
अलबत्ता १७ साल तक चले इस अध्ययन के दरमियान इनमे से आधे हाई -पर -टेंशन से ग्रस्त हो गए .पता चला उन लोगों के बरक्स जो सीरिअल नाश्ताबिलकुल नहीं लेते थे उन लोगों का जो हफ्ते में औसतन एक बार होल ग्रेन सीरिअल नाश्ता ले रहे थे हाई -पर -टेंशन का जोखिम ७ % कम होगया था .जो अकसर ही ऐसा नाश्ता ले रहे थे उनके लिए यह ख़तरा और भी कम रहा ।
लेकिन जो रोजाना एक या ज्यादा बार ऐसा नाश्ता ले रहे थे उनके लिए यह जोखिम १९%तक कम हो गया .हाई -पर -टेंशन के खतरे के वजन को बढाने वाले दूसरे रिस्क फेक्टर्स यथा लोगों की स्मोकिंग की आदत ,कसरत ,फिजिकल एक्टिविटी खान- पान में फल और तरकारियों के सेवन को भी मद्दे नजर रखा गया इस जोखिम का जायज़ा लगाते वक्त ।
पता चला होल ग्रेन का बेहतर स्रोत हैं सीरिअल्स क्योंकि इनके साथ आम तौर पर दूध ही लिया जाता है जबकि ब्रेड के साथ सौसेजिज़ और संतृप्त वसाएं भी सर्व करने के ढंग में शुमार रहती हैं ।
तीन में से एक अमरीकी आज उच्च रक्त चाप का शिकार है .जो सबसे बड़ा जोखिम बना रहा है हार्ट अटेक्स,स्ट्रोक्स (ब्रेन -अटेक्स )तथा किडनी रोगों का ।
हाई -पर -टेंशन के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य देखभाल पर ९० अरब डॉलर सालाना खर्च हो जाता है ।
होल ग्रेन सीरिअल जुटाने में आप हाई -पर -टेंशन की दवाओं से कम ,बहुत कम खर्च करेंगे ।
इस अध्ययन के नतीजे अमरीकी हार्ट असोशियेशन की "न्यूट्रीशन ,फिजिकल एक्टिविटी और मेटाबोलिज्म "पर बुलाई साला बैठक के समक्ष रखे गएँ हैं .
जादू होल ग्रेन सीरिअल्स में नहीं है इन्हें आप कैसे ,किस चीज़ के साथ ले रहें हैं उस चीज़ मसलन लो फैटदूध में भी है ..अलबत्ता यह अध्ययन मर्दों पर खरा उतरा है .औरतों तक ले जाकर इसका सामान्य -करण फिलवक्त नहीं किया जासकता .उनके लिए अलग से अध्ययन किये जा सकतें हैं .
बुधवार, 23 मार्च 2011
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