दिल की बीमारियों में स्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं ,रक्त चाप को कम करने विनियमित करने रखने वाली कुछ और दवाएं ,कुछ मसल रिलेक्सेंट्स ,शामक पदार्थ (सिदेतिव्ज़) कुछ और दवाएं भी इन -कोंटिनेंस के लक्षणों को बद से बदतर बना देतीं हैं .
डाई -युरेटिक्स (मूत्रल पदार्थ ,दवाएं ) अतिरिक्त तरल की शरीर से निकासी करवाके दिल और कुछ दूसरे ओर्गेंस के काम कोबेशक सु -दक्ष बना देतें हैं लेकिन ,.ऐसे में ब्लेडर बिचारे का फ्लुइड लोड बढ़ जाता है ।
अपने स्पेशलिस्ट से इस बारे में खुल कर ज़रूर पूंछ लें कि क्या कोई उसके द्वारा नुश्खे के तहत ली जाने वाली दवा तो अ -संयमित मूत्र त्याग को नहीं बढा रही है .खुद मुख्त्यार ,खुद अपना हकीम न बने ,अपने आप से कोई भी दवा न बंद करें .नीम हकीम ख़तरा -ए -जान ।
एक्सि -ड्रीं जैसी केफीन युक्त दवाओं से भी बचें .
मंगलवार, 22 मार्च 2011
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