अमरीकी मेडिकल असोशियेशन के इक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक़ कसरत करने के बाद तथा मैथुन रत होने के बाद के वक्फे में कुछ घंटा तक उन लोगों के लिए हार्ट अटेक का ख़तरा बढ़ जाता है जो आमतौर पर इन रोजमर्रा की एक्टिविटीज़ में कभी कभार ही शुमार होतें हैं ।कसरत से छिटके रहतें हैं .
बेशक यह ख़तरा तीन गुना बढ्जाता है लेकिन व्यक्ति -विशेष के लिए यह ख़तरा फिर भी ना मालूम सा ही रहता है .आइये देखें तीन गुना बढ़ने का आंकड़ों की जुबानी मायने क्या है ?
उन लोगों के लिए जो फिजिकली एक्टिव रहतें हैं ,सेक्स जिनके लिए एक आम फ़हम चीज़ है जहां यह ख़तरा दस लाख मामलों में एक है वहीँ इनमे कभी कभार ही उलझने शरीक होने वालों के लिए यह दस लाख के पीछे तीन मामलों में है ।
बेशक बेहद बिरले ही ऐसा होगा लेकिन अध्ययन का एक संकेत साफ़ है :हृद रोगियोंको नियमित व्यायाम करना चाहिए .सेक्स में भी शुमार रहना चाहिए नियमित (आखिर सेक्स के दरमियान भी तो आप केलोरीज़ बर्न करतें ही हैं ।).
सिदेंत्री लाइफ स्टाइल हृद रोगियों के दिल -ओ -दिमाग के लिए ऐसे ही मौकों पर अन -ड्यू -स्ट्रेस बनके आता है ।
रिसर्चरों ने पता लगाया है कसरत के बाद ऐसे लोगोंमें दिल के दौरों का ख़तरा ३.५ गुना तथा यौन सम्बन्ध बनाने मैथुन रत होने के पहले दो घन्टों में बढ़कर २.७ गुना हो जाता है .फिजिकल एक्टिविटी ने कार्डिएक अरेस्ट के खतरे के वजन को पांच गुना बढाया .ज़ाहिर है जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ चुका होता है उनसे पूछा जाता है दौरे से पहले आप क्या कुछ करते रहे थे उस रोज़ .
हाव -एवर दी रिस्क ऑफ़ हार्ट अटेक और कार्डिएक डेथ वाज़ रिद्युज्द बाई ४५%एंड ३०%रेस्पेक्तिवली फॉर ईच एडिशनल वर्क आउट दी स्टडी पार्टिसिपेंट्स कम्प्लीतिद इन ए टिपिकल वीक .
दी मेसेज इज क्लीयर "सिदेंत्री पीपल हु वांट्स टू गेट इन शेप शुद इनक्रीज देयर लेविल ऑफ़ फिजिकल एक्टिविटी ग्रेज्युँली टू एव्होइड अन -ड्यू स्ट्रेस ऑन हार्ट .
बुधवार, 23 मार्च 2011
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