गत पोस्ट से आगे .....
इन -कोंतिनेंस (यूरिनरी ):एक विहंगावलोकन .
(१)फ्ल्युइड इंटेक :बहुत ज्यादा ड्रिंक्स ,पानी से लेकर दूध और बीव्रेजिज़ तक अ -संयमित मूत्र त्याग
को और भी ज्यादा बढा सकतीं हैं .हालाकि समस्या एक दमसे फ्ल्युइड इंटेक घटाने से हल नहीं होती इससे एक नया बखेड़ा निर्जलीकरण (डी -हाई -डरेशन का ,कब्जी यानी कोंस्तिपेशन का खडा हो सकता है गुर्दे में पथरी (किडनी स्टोन )बन सकता है ,ऐसे में ब्लेडर इर्रिटेशन बद से बदतर हो सकता है .
संतुलन तो बनाए ही रखना होगा जिसके लिए दिन भर में २ लीटर जलीय अंश तो चाहिए भी .इसकी मात्रा आपके लीन बॉडी मॉस से भी निर्धारित होती है .अलबत्ता यदि इन्कोंतिनेस की समस्या रात को ज्यादा पेश आती है तब शाम होने पर ज्यादा फ्ल्युइड न लें ।
(२)एलकोहल :मूत्रल (डाई -युरेटिक)होता है एलकोहल (खासकर बीयर ).इससे अर्ज -कोंटिनेस प्रेरित होता है .ओवर -एक्टिव ब्लेडर होने पर ब्लेडर इर्रिटेशन और भी बहुत बढ़ जाता है .(ज़ारी ...)
मंगलवार, 22 मार्च 2011
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