बिकाओज़ दी रिसर्च इज गोइंग ,व्हाट एल्स आर यु इन्वेस्टिगेटिंग ?
इक महत्वपूर्ण सवाल बनके यह सवाल भी कई बार उभरा है .देखें फ़्रिएद -मन और मार्टिन इस बाबत क्या कहतें हैं ?
इधर कई बरसों से हम कई और पैट्रंस को खंगाल रहें हैं .मसलन फिजिकल एक्टिविटी ,कौन कितना सो पारहा है (स्लीप ),विवाह की गुणवत्ता और सामाजिक स्थितियों में व्यक्तित्व का मेल ,आदि ।
हम लोग यह भी बूझ रहें हैं आखिर हेल्दी होने का मतलब है क्या ?
स्वास्थ्य सिर्फ नीरोगी काया होना नहीं है .एब्सेंस ऑफ़ दिजीज़िज़ नहीं है हेल्दी होना .यहाँ निहितार्थ यह है ज्यादातर व्यक्ति फिट और फाइन ,तंदरुस्त रहेंगें ही ,यदि मौक़ा बे -मौक़ा बीमार पड़ेंगे तो माहिरों का इलाज़ भी मयस्सर होगा ही .होना चाहिए ही ।
टेर्मन के अध्ययन में शामिल लोगों पर कई बरसों तक अध्ययन मनन करने के बाद मैं अलग नतीजे पर पहुंचा हूँ .इक ऐसा समाज जिसमे एथिक्स के अनुरूप चलने वाले, ज्यादा लक्ष्य केन्द्रित (गोल ओरियेंतिद )नागरिक, ज्यादा हैं ,जो अपने समाज के साथ बेहतर तरीके से समेकित हैं ,इंटी -ग्रेटिद हैं इक स्वस्थ और दीर्घजीवी (लम्बी उमरिया )वाले लोगों को ही समाज होगा इसकी संभावना ज्यादा बलवती है .
सोमवार, 21 मार्च 2011
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