यदि आप निम्न लक्षणों से ग्रस्त हैं तो मधुमेह की जांच में देरी न करें :
(१)बार -बार पेशाब आना (वाश रूम जाना ),तेज़ प्यास और भूख का लगना ।
(२)अचानक वजन में कमी आना ,कमजोरीऔर थकान का जल्दी ही महसूस होना .हाथ -पैरों में झं-झना -हट होना ,नपुंसकता का एहसास (इरेक्टाइल डिस -फंक्शन ,सेक्स में अरुचि ),मोतियाबिंद (सफ़ेद मोतिया या केटेरेक्ट),बीनाई (नजर )का कमज़ोर पड़ना ।
(३)परिवार में डायबिटीज़ की मौजूदगी का होना (माँ ,मौसी ,पिता,भाई -बहिन में से किसी का मधुमेह ग्रस्त होना )।
(४)हाइपर -टेंसन के अलावा लिपिड प्रोफाइल में ट्राई -ग्लीस -राइड्स का ज्यादा ,एच डी एल कोलेस्ट्रोल (मित्र कोलेस्ट्रोल )का सामान्य से कम पाया जाना ।
(५)वो महिलाए जिन्होंने सामान्य से अधिक वजन शिशु को जन्म दिया हो गर्भावस्था में जिनका खुद का वजन अधि क रहा हो .(दस इक किलो तो सभी का बढ़ता है ,/.स्वीकृत मानदंडो से ज्यादा होजिनका गर्भ काल में वजन )।
(६)पुरुषों में बी एम् आई (बॉडी मॉस इंडेक्स ,किलोग्रेम प्रति वर्ग मीटर में )२७ से तथा महिलाओं में २५ से ज्यादा हो .वैसे स्वस्थ व्यक्ति में २४.९ से ज्यादा नहीं होना चाहिए ।
(७)यदि व्यक्ति निम्न दवाओं का सेवन कर रहा हो :
स्तीरोइड्स ,थायरोइड डाय -युरेटिक्स(मूत्रल दवाएं ),गर्भ -निरोधी स्तीरोइड युक्त गोलियां .,बीटा -ब्लोकर्स ,फिनितिन सोडियम आदि .बीटा ब्लोकर्स उन दवाओं को कहा जाता है जो हृद एक्टिविटीज़ को रेग्युलेट करतीं हैं विनियमन करती है दिल की गति -विधियों का .
आजकल के रहन सहन में ३० वर्ष की आयु में पहला परीक्षण सबको करवा लेना चाहिए .
शुक्रवार, 18 मार्च 2011
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