गत पोस्ट से आगे ॥
मर्द और औरतों दोनों ने ही पिछली रात सिर्फ चार घंटा सोने के बाद अगले दिन ज्यादा प्रोटीन -बहुल भोजन लिया .अलावा इसके औरतों ने ३१ ग्राम फैट भी अगले दिन उन दिनों की बनिस्पत ज्यादा खाया जब उन्होंने ने पूरी नींद ली थी जबकि मर्दों ने दोनों अवसरों पर फैट की वही रोजमर्रा की खुराकी मात्रा ही ली अतिरिक्त चिकनाई नहीं ली ।
रिसर्चर ओंगे (अध्ययन के मुखिया )कहतें हैं इसकी दो वजहें हो सकतीं हैं एक तो अगले दिन एनर्जी का लेविल बराबर बनाए रखने के लिए(ऊंघने से बचे रहने के लिए ) लोग ज्यादा खातें हैं दूसरे नींद से वंचित रह जाने के बाद उनकी स्वास्थ्य कर भोजन चयन की क्षमता भी असर ग्रस्त होती है .दे मेक पूअर फ़ूड चोइसिज़ ।
नींद से महरूम रह जाने के बाद अपने ऊपर से नियंत्रण भी हठ जाता है ,विवेक को ताक़ पर रखकर लोग ललचाऊ केलोरी डेंस हाई -फैट फ़ूड पर टूट पडतें हैं ।
दीर्घावधि में इससे होने वाली नुकसानी और मोटापे की ओर बढ़ने का सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है .रोजाना ३०० केलोरीज़ ज्यादा गड़पने का मतलब है साल भर में ३० पोंड वजन बढा लेना .
ऐसे में हार्ट डिजीज ,डायबिटीज़ ,अन्य क्रोनिक एल्मेंट्स के खतरे का वजन तो बढेगा ही जिनका मोटापे से नजदीकी रिश्ता है ।
सेंट ओंगे का अध्ययन अमरीकी हार्ट असोशियेशन की हाल ही में संपन्न हुई एटलांटा कोंफरेंस में रखा गया जिसका विषय था :"न्यूट्रीशन ,फिजिकल एक्टिविटी ,एंड मेटाबोलिज्म ."
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