सृष्टि विज्ञानी सृष्टि के आकार का जायजा गणितीय मोडल्स के आधार पर लगातें हैं .हालाकि तबभी सृष्टि के सही कलेवर की टोह लेना मुमकिन नहीं है .कयास भर लगाए गए हैं निष्कर्ष निकाले गए हैं प्रेक्षण आधारित ।
अनंत कलेवर लिए हो सकता है ब्रह्माण्ड ,सीमित आयतन लिए भी हो सकता है .लेकिन सीमित सृष्टि का भी कोई केंद्र तय नहीं किया जा सकता है .केंद्र है भी नहीं ,सीमान्त भी नहीं है .हदबंदी नहीं कर सकते आप सृष्टि की .अलबत्ता अपने ही ऊपर मुड़ जाती है सृष्टि .यूनिवर्स वुड कर्व इन ऑन इटसेल्फ .
इक विरोधाभास यह भी है इक पिंड जो इक दिशा में चल रहा है यात्रा रत है वह अंत में दूसरी (विपरीत )दिशा से प्रकट होगा .जो हो इक बात सुनिश्चित है सृष्टि अपने जन्म से फ़ैल रही है विस्तार पा रही है .
बिग बैंग कोई पदार्थ काअन्तरिक्ष में विस्फोट नहीं था स्पेस का ,अन्तरिक्ष का ही आरम्भ से हीसृष्टि के जन्म से ही प्रसवोत्तर विस्तार था .
सृष्टि के जन्म के अनंतर जो विकिरण बचा रह गया है उसके पैट्रन का अध्ययन कर सृष्टि विज्ञानी सृष्टि के न्यूनतम आकार का आकलन कर सकतें हैं .यदि यहआकलन सीमित भी निकलता है तब भी इसके कुछ हिस्सों में अलगाव अरबों अरब प्रकाश वर्ष के तुल्य आयेगा .प्रकाश वर्ष अस्त्रोनोमिकल दूरियां नापने के लिए प्रयुक्त दूरी की इक इकाई है .इक वर्ष में प्रकाश अपने निर्वातीय वेग से गति करता हुआ ९.४६ ट्रिलियन किलोमीटर्स दूरी तय कर लेता है .यही इक प्रकाश वर्ष का परिमाण (मैग्नी -त्युड)है .इक अनुमान के अनुसार सृष्टि का आकार टेन तू दी पावर्स ५३ मीटर्स के बराबर है यानी वन हंड्रेड थाउजेंड मिलियन मिलियन मिलियन मिलियन मिलियन मिलियन मिलियन मिलियन मीटर्स है .
सोमवार, 7 मार्च 2011
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