सोमवार, 7 मार्च 2011

विहंगावलोकन :सृष्टि का हश्र क्या होगा ?(ज़ारी ....)

फॉर पोटेंशियल फैट्स :
सब कुछ जैसा गत पोस्ट में ज़िक्र किया जा चुका है ,सृष्टि के औसत घनत्व मान पर और डार्क एनर्जी के आइन्दा होने वाले व्यवहार पर निर्भर करता है .सवाल यह है डार्क एनर्जी शांतकमज़ोर रहती है या उद्विग्न हो जाती है ,प्रबल हो जाती है .
(१)बिग चिल :यदि सृष्टि का औसत घनत्व मान इक क्रांतिक मान के बराबर या उससे कमतर रहता है ,तथा डार्क एनर्जी के प्रभावधीरे धीरे कमज़ोर पड़ जातें हैं ,क्षीण हो जातें हैं ,सृष्टि इस सीनारियो में निरंतर फैलती विस्तारित होती रहेगी लेकिन गुरुत्व के छीजने से विस्तार की रफ़्तार उतनी नहीं रहेगी .अलबत्ता फैलाव ज़ारी रहेगा शाशवत ।दीर्घावधि में यह ठंडी मौत मर जायेगी ।यह अवधि हमारी कल्पना से परे रहेगी .

(२)मोडिफाइड बिग चिल :लेकिन यदि डार्क एनर्जी के असर आज की मानिंद ज़ारी रहतें हैं तब सृष्टि का घनत्व मान कुछ भी वेल्यु इख्त्यार करे सृष्टि का विस्तार ज़ारी रहेगा .वह संरचनाये ऐसे में जो गुरुत्व की डोर से आबद्ध नहीं हैं ,बिखर जायेंगी .आखिरकार होते होते यह बिखराव प्रकाश का वेग ले लेगा .उसका अतिक्रमण भी करेगा .(ध्यान रहे अन्तरिक्षके विस्तार की रफ़्तार प्रकाश के वेग का अतिक्रमण कर सकता है ,भले पदार्थ -ऊर्जा ऐसा न कर सके .).दिस सीनारियो विल आल्सो एंड इन ए लिंगरिंग कोल्ड डेथ ऑर 'बिग चिल '।
(३)बिग रिप :यदि डार्क एनर्जी की ताकत (जो इक ऐसा बल है जो गुरुत्व के खिलाफ काम करता है )बढती है ,तब यह सभी बुनियादी बलों को मात देकर सृष्टि को तहस नहस कर देगी ,विखंडित कर्देगी .यही है 'बिग रिप '।
लेकिन ऐसा होने में आज से लेकर २०-३० अरब वर्ष लग जायेंगें .पहले नीहारिकाएं विखंडित होंगी इस सीनारियो में फिर तमाम तारा -मंडल (सोलर सिस्टम्स ).इसके कुछ माह बाद ही सितारे और ग्रह भी विस्फोटित हो जायेंगें .यहाँ तक की परमाणु भी नष्ट हो जायेंगें .समय का प्रवाह रुक जाएगा ।
(४)बिग क्रंच :विनाश के इस संस्करण में तमाम पदार्थ और ऊर्जा इक अनंत अति उत्तप्त ,अति घनत्व की स्थिति में आजायेंगें .यहाँ आकर भौतिकी के सभी ज्ञात नियम काम करना बंद कर्देंगें ,इक सिंग्यु -लारेटी होगी यह ,व्हेयर मैटर इज क्रश्ड बियोंड रिकग्नीशन .इसे आप बिग बैंग का विलोम (रिवर्स ऑफ़ बिग बैंग )कह सकतें हैं .इसकी संभावना फिलवक्त बहुत कम है .डार्क एनर्जी भविष्य में अपना रोल पलट ले तब और बात है .लेकिन यदि ऐसा मान लीजिये होता भी है ,आइन्दा आने वाले दसियों अरब वर्ष लग जायेंगें इसे होने में .ऐसा होने में .इस बिग क्रंच में .(ज़ारी ...)

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