मंगलवार, 8 मार्च 2011

पिच ,हारमोंस और बे -वफाई ,आखिर रिश्ता क्या है इनका आपस में ?

आपकी आवाज़ की मिठास ,उसका पिच (तारत्व ),आपके खून में हारमोनों के स्तर और आपके यौन व्यवहार (बे -वफाई और वफादारी से जुड़ा आपका आचरण )आपस में कहीं न कहीं कोई रिश्ता बनाए बैठे हैं .ऐसी आशंका पर आधारित एक अध्ययन हालफ़िलाल मक मास्टर विश्वविद्यालय,कनाडा के रिसर्च्दानों ने संपन्न किया है .
मौतर्माओं की नजर में भारी -भरकम (लो पिच वोईस वाले )आवाज़ वाले मर्दुए औरतों के लिए भरोसे के लायक नहीं है .इनमे टेस्टो -स्टेरोंन (मेल हारमोन का आधिक्य ) की लोडिंग रहती है जो इन्हें बे -वफ़ा बना देती है ।
दूसरी तरफ हाई पिच्द (उच्च तारत्व ध्वनी )वोईस वाली औरतों को मर्द भी शक की नजर से देखतें हैं .इनमे इस्ट्रोजन का स्तर कुछ ज्यादा ही रहता है जो इन्हें भरोसे के लायक नहीं छोड़ता ।
पुरुष और स्त्री हारमोनों से जुडी है हमारे यौन व्यवहार की नव्ज़ यही इस अध्ययन का लब्बोलुआब है .अपनी यौन रणनीति के रूप में आप चाहें तो वोईस पिच को चेतावनी के रूप में ले सकतें हैं .फिर निश्चिन्त होकर रोमांटिक रिलेशन की तलाश में निकलिए ।
जितनी ज्यादा आकर्षक आवाज़ (औरतों के मामले में हाई पिच्द तथा मर्दों के मामले में लोवर पिच )उतना ही बे -वफाई का जोखिम ।
हमारा वोईस पिच हमारे प्रति औरों के नज़रिए को प्रभावित कर सकता है .पिच हारमोन और इन -फाई -देलिती का आपस में करीबी रिश्ता है अध्ययन के अगुवा रिसर्चर डेविड फ़िबेर्ग ऐसा ही मानतें हैं ।
औरतों में इस्ट्रोजन का बढा हुआ स्तर उनकी आवाज़ को उच्च तारत्व प्रदान करता है हाई पिच वोईस बना देता है जबकि मर्दों में टेस्टो -स्टेरों का ज्यादा बढा हुआ स्तर उनकी आवाज़ के पिच को निम्तर बनाए रहता है .लो पिच बनाता है ।
दोनों ही हारमोनों का उच्चतर स्तर बे -वफाई के साथ नथ्थी हो चुका है .

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