डीवीटी यानी डीप वैन थ्रोम्योसिस को चिकित्सा शब्दावली में "पी एच एल ई बी ओ एस ओ -थ्रोम्योसिस "यानी फ्लेबो -थ्रोम्योसिस भी कहा जाता है .
ओब्स -ट्रक -शन ऑफ़ ए वेन बाई ए ब्लड क्लोट ,विदाउट प्रिसीडिंग इन-फ्लेमेसन ऑफ़ इट्स वाल्स इज काल्ड फ्लेबो -थ्रोम्योसिस ।
यानी सिरा में खून का थक्का आ फंसे भले अंदरूनी दीवार में इन्फ्लेम्सन (सूजन ,रोग संक्रमण हो न हो ).आमतौर पर यहअवरोध पिंडलियों की डीप वेंस में होता है ।
डीप वैन थ्रोम्योसिस (डी वी टी )-इन कंट्रास्ट तू थ्रोम्यियो -फ्ले -बाइतिस ,व्हिच इफेक्ट्स सुपर -फीशिय्ल लेग वैन ।यानी इसके बरक्स थ्रोम्यो -फ्ले -बाई -टिस में बाहर वाली टांग की सिरा ही असर ग्रस्त होती है .
प्रोलोंग्द इम्मोबिलिती ,हार्ट फेलियोर ,प्रिगनेंसी इंजरी एंड सर्जरी प्री -डिस्पोज़ टू थ्रोम्योसिस बाई एनकरेजिंग स्लागिश ब्लड फ्लो . दीर्घावधि बिस्तर पकड़ लेना ,ह्रदय को सही तरह से पूरा रक्त मुहैया न हो पाना ,हार्ट -फेलियोर ,गर्भावस्था ,किसी किस्म की चोट लग जाना ,डीप वैन थ्रोम्योसिस के खतरे के वजन को बढा देता है क्योंकि इन तमाम हालातों में रक्त प्रवाह असर ग्रस्त होता है ,स्लागिश (सुस्त ,धीमा ,अप्रयाप्त )हो जाता है . मेनी ऑफ़ दीज़ कंडीशंस आर असोशियेतिद विद चेंजिज इन दी क्लोतिंग फेक्टर्स इन दी ब्लड देत इनक्रीज दी टेंडेंसी टू थ्रोम्योसिस ।
दीज़ चेंज़िज़ आल्सो अकर इन सम वोमेन टेकिंगओरल कोंट्रा -सेप्तिव्स ।गत पोस्ट में हमने इमरजेंसी पिल और थ्रोम्योसिस की अलग से चर्चा की है .
बुधवार, 9 मार्च 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें