एक विमर्श :कुड "सुपर -मून "ट्रिगर टाइडल वेव्ज़ ऑन मार्च १९ ?
वर्ल्ड वाइड वैब ने चेतावनी प्रसारित की है ,१९ मार्च २०११ को जब चाँद पृथ्वी के गिर्द अपनी अंडाकार कक्षा में पृथ्वी के निकटतम आजायेगा (लूनर पेरिजी कहा जाता है चाँद की इस प्रावस्था को ).तब पृथ्वी को अपनी चपेट में वैसी ही सुनामी ले लेगी जिसने २००५ में इंडोनेशिया को ले लिया था .ज्वाला मुखी विस्फोट भी देखने को मिलेंगें .वह भी सब सूपर्मून का किया धरा था ।
क्या कह रहें हैं और कुछ ये शौकिया खगोल विज्ञानी ,कोंस -पिरेसी थियरी के समर्थक ?विहंगावलोकन करते हैं ।
(१)१९९२ के बाद से आजतक चाँद पृथ्वी के गिर्द घूमता हुआ अपनी कक्षा में पृथ्वी के नज़दीक पहले कभीइतना ज्यादा नहीं आया है जितना १९ मार्च २०११ को आरहा है .यह दूरी इस दिन मात्र दो लाख इक्कीस हज़ार पांच सौ सडसठ मील हीपृथ्वी से रह जायेगी .
(२)२००५ में ऐसा ही हुआ था जब इंडोनेशिया में सुनामी ने तबाही मचा दी थी .
(३)१९७४ :क्रिसमस पर्व पर साइक्लोन ट्रेसी ने डार्विन (औस्ट्रेलिया ) में विनाश लीला दिखलाई थी .यह भी सब लूनर पेरिजी का ,सुपर -मून का किया धरा था ।
क्या कहतें हैं खगोल विज्ञान के माहिर अन्य साइंसदान ?
(१)यह सब इंटर -नेटीय शगूफा है कोरी बकवास है ।
(२)लूनर पेरिजी खगोल विज्ञान की ऐसी घटना ,चाँद की ऐसी प्रावस्था ,फेज़ है जो हर माह एक बार आती है .इसीलिए इस वेला चाँद अन्तरिक्ष में बड़ा नजर आता है ,चमकीला भी ज्यादा नजर आता है पृथ्वी वासियों को ।
(३)पृथ्वी से अधिकतम दूरी पर खिसक आने पर चाँद पृथ्वी से देखने पर अपेक्षाकृत छोटा और कम चमक दार नजर आता है ।
(४)अगले सप्ताह शुक्ल पक्ष का पखवाड़ा है ,चाँद दो हफ्ता आसमान में खिलेगा .पूर्णिमा भी आएगी ,फुल मून ..इत्तेफाकन यह मौक़ा लूनर पेरिजी का भी होगा जो दो -तीन सालों में एक मर्तबा ही आता है ।
(५)फोटो सेशन के अनुकूल रहेगा यह वक्फा .खगोल विज्ञानी अच्छी तस्वीरें ले सकतें हैं लूनर पेरिजी की ।
(६)पूर्व में १९५५ ,१९७४ ,१९९२ ,२००५ में सुपर- मून दर्ज़ हुएँ हैं ।
बकौल 'कोंस्पिरेसी थियरी' के समर्थकों के इन तमाम सालों में मौसम बदमिजाज़ और उग्रतर रहा ।
अन्तरिक्ष इतिहासकार डेविड हारलैंड इससे इत्तेफाक नहीं रखतें हैं .बेशक १९ मार्च को चाँद अपनी कक्षा में पहले के बरक्स लूनर पेरिजी के मौके पर एक दो किलोमीटर और नज़दीक खिसक आयेगा लेकिन इससे किसी अनिष्ट ,अनहोनी की आशंका नहीं है ।
कह रहें है 'षड्यंत्र सिद्धांत 'के पैरोकार ,नवीनतर लूनर पेरिजी ,चाँद का पृथ्वी के निकटतम चले आना (१९मार्च ,२०११ के दिन )जलवायु के ढाँचे पे कहर बरपा सकता है .
विशेष :यह सुनामी इंटर -नेट तक ही सीमित रहेगी .इंटर -नेटियों का शगल है .
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