गुरुवार, 10 मार्च 2011

यु आर व्हाट योर मदर एट इन -प्रग्नेंसी .

आप वही हो जातें हैं जो आपके गर्भस्थ रहते आपकी माँ खाती रही है .गर्भावस्था (जेसटेशन पीरियड )का कुपोषण ,पूअर डाइट संतान को आगे चलकर जल्दी बुढापे की और घसीट ले जाता है ।
केम्ब्रिज विश्विद्यालय के साइंसदानों के मुताबिक़ जिन माताओंको गर्भावस्था में अन -हेल्दी फ़ूड (अस्वास्थ्य -कर )भोजन ही नसीब हो पाता है ,उनकी संतानों की सेहत के लिए आगे चलकर सैंकड़ों जोखिम आ खड़े होतें हैं ।
हमारे शरीर में कोशायें (बॉडी सेल्स )कैसे बुढ़ा -तीं हैं ,इसका अबजाके इल्म हो सका है ,गर्भावस्था के खान -पान का बॉडी सेल्स की एजिंग पर गहरा असर पड़ता है .
इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेटाबोलिक साइंस ,यूनिवर्सिटी ऑफ़ केम्ब्रिज के साइंसदानों के मुताबिक़ जेसटेशन पीरियड के नौ महीनों (४० हफ़्तों )का खान -पान संतान के बाकी उम्र के स्वास्थ्य की नव्ज़ से सीधे -सीधे जुड़ा है .
बेशक एन्वाय्रंमेंटल फेक्टर्स (पर्यावरणी /माहौली घटक )ता -उम्र हमारे जीवन खण्डों (जींस )से इंटे -रेक्ट करते रहतें हैं ,जीवन खण्डों की अभिव्यक्ति (जीन एक्सप्रेशन )तथा ,ऊतकों के काम करने को (फंक्शन ऑफ़ टिशूज़ )को भी प्रभावित करतें हैं ,लेकिन बीमारियों का जोखिम भी यही इंटे -रेक्शन(परस्पर क्रिया -प्रति -क्रिया,नेचर एंड नर्चर )तय करती है .हमारे विकास का इक क्रांतिक सौपान होता है गर्भ -काल ,जेसटेशन पीरियड ,इक महत्व -पूर्ण एन -वायरन -मेंटल फेक्टर भी, जीवन का यह उषा काल होता है .गर्भस्थ -ता के अपने मानी हैं सेहत के लिए ।

एपिजेनेटिक्स ,व्हिच रेफर्स टू मोडिफिकेसंस टू डी एन ए देट रेग्युलेट्स हाव मच ऑफ़ ए जीन इज प्रोड -यूस्ड ,हेज़ बीन सजेस्टिद टू अंडर -लाइन दीज़ इफेक्ट्स .

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