यह एक हारमोन आधारित दवा है जिसका स्तेमाल हाइपो -ग्लाई -सीमिया के अति -गंभीर मामलों में किया जाता है खासकर तब जब मरीज़ ग्लूकोज़ भी मुह से निगलने में असमर्थ रह जाता है .बेहोशी में चला जाता है ।
ग्लूकागोन रेस्क्यू क्या है ?
यह ग्लूकागोन का इमरजेंसी इंजेक्शन है जो हाइपो -ग्लाई -सीमिया के बेहद गंभीर मामलों में किसी भी एक बड़ी मसल में (लेग मसल ,एबडोमन ,बटक्स मसल )में बालिगों को एक सी .सी तथा बच्चों को खासकर जो प्राई -मरी डायबेटिक हैंआधा सी .सी . लगाया जाता है ।
ग्लैकागोंन हमारे शरीर में पहले से जमा ग्लूकोज़ को स्रावित कराके रक्त में भेज देता है और इसीके साथ ब्लड ग्लूकोज़ का लेविल बढ़ जाता है एक मान्य स्वीकृत सुरक्षित स्तर तक आजाता है ।
ग्लूकागोन रेस्क्यू किट में क्या क्या होता है ?
(१)इक वायल में ग्लूकागोन (बायो -सिंथेटिक -ह्यूमेन -ग्लूकागोन ) अति -शीतलित ज़मी हुई लेकिन सूखी अवस्था (फ्रीज्द ड्राइड फॉर्म ) में रहता है ।
(२)इक स्टार्दी सिरिंज में पहले से एक स्टेराइल (निर्जिवानुकृत) दाय्ल्युतिंग तरल भरा रहता है ।
(३)लाल या फिर नारंगी रंग के प्लास्टिक स्टोरेज बक्से में अनुदेश (इन्स -ट्रक -शंस )रहती हैं ।
कोई ख़ास महारत की ज़रुरत नहीं होती है इस इंजेक्सन को लगाने में .कोई भी व्यक्ति जो मरीज़ के साथ रहा होता है इसे किसी भी बड़ी मसल में लगा सकता है ।
बस आपातकालीन ग्लूकागोन के वायल को खोल कर इसमें स्टेराइल दाय्ल्युतिंग सोल्यूसन सिरिंज से भेज कर इसे अच्छे से हिलाना होता है ।
बस इसी सिरिंज में इसे दोबारा भरकर सुईं लगा दी जाती है ।
पूर्व में मरीज़ को अस्पताल की केज्युअलती में ले जाना पड़ता था जहां देक्स्ट्रोज़ का इंजेक्सन लगाया जाता था .ऐसे में किसी के भी पार्ट में देरी ,लापारवाही मरीज़ के लिए घातक ,जानलेवा सिद्ध होती थी .
मंगलवार, 15 मार्च 2011
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