रविवार, 6 मार्च 2011

विहंगावलोकन :व्हाट इज स्ट्रिंग थियरी ?

दशकों तक भौतिकीविद इक ऐसी थियरी की ताक़ में रहें हैं जिसे 'थिअरी ऑफ़ एवरी थिंग 'कहा जासके .
इक ऐसा विचार था यह जो ज्ञात प्राकृत बलों गुरुत्व ,विद्युत्चुम्बकीय ,कमज़ोर तथा शक्तिशाली बलों (वीक एंड स्ट्रोंग इंटरेक्शन )को इक धागे में पिरो सके .अलावा इन बुनियादी बलों के बुनियादी कणों के उद्भव और विकास ,संरचना की व्याख्या कर सके ।
स्ट्रिंग थियरी ऐसा ही दावा प्रस्तुत करती है .इस मत के मुताबिक़ हरेक बुनियादी कण इक कम्पन शील फिलामेंट की कम्पन प्रावस्था ,वाइब्रेशनल मोड या आवृत्ति (फ्रीक्युवेंसी )का परिणाम है ।
दी वाइब्रेश्नल मोड्स ऑर फ्रीक्युवेंसीज़ ऑफ़ दीज़ स्ट्रिंग्स लेंड पार्तिकिल्स देयर वेरीड प्रोपर्टीज़ .कम्पन करने का अंदाज़ इन डोरियों का जुदा है .इसीलिए कणों के गुण धर्म भी परस्पर जुदा हैं ।
ये डोरियाँ लूप की शक्ल में भी हैं ,तथा खुले सिरे वाली बाल सी डोरियों की तरह भी ,क्लोज्ड लाइक ए लूप ऑर ओपन लाइक ए हेयर ।
गिटार या फिर किसी भी डोरी वाले वाद्य की तरह इन डोरियों की इक अनुनादिक आवृत्ति है ,रेज़ोनेंट फ्रीक्युवेंसी है .
क्लोज्ड स्ट्रिंग्स मे वाब्रेट अट डिफरेंट रेज़ोनेंट फ्रीक्युवेंसीज़ ,जस्ट एज दी स्ट्रिंग्स ऑन ए स्त्रिन्ग्द इंस्ट्रूमेंट हेव रेट्स अट व्हिच दे प्रिफर टू वाब्रेट .

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