मंगलवार, 1 मार्च 2011

डायबेटिक पेशेंट के चीनी खाने का क्या मतलब होता है ?

हाइपो -ग्लाई -सीमिया की स्थिति को छोड़कर और किसी भी सूरत में डायबेटिक पेशेंट को चीनी नहीं लेनी चाहिए .क्योंकि चीनी इक सिम्पिल कार्बो -हाइड्रेट है .ग्लूकोज़ और फ्रुक्टोज़ का मिश्र है इन्हीं के परमाणुओं का ज़मा जोड़ है .चीनी लेते ही ब्लड सुगर का लेविल शूट कर जाता है ,आपके रक्त प्रवाह में ग्लूकोज़ का स्तर फ़ौरन बढ़ जाता है ,मधुमेह के रोगी में क्योंकि इंसुलिन की कमी होती है इसीलिए यह ग्लूकोज़ अपचयन न होपाने की वजह से कोशिकाओं तक जा नहीं पाता है ।
इक चम्मच चीनी (लगभग पांच ग्राम )की फंकी लेने से ही रक्त में ग्लूकोज़ के हज़ारों परमाणु चले आतें हैं ,जो आपकी रक्त शर्करा का स्तर बढा देतें हैं .

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