शनिवार, 5 मार्च 2011

ख़ूबसूरती के जाल में न फंसे .....

वांट लास्टिंग रिलेशन -शिप ?डोंट डेट ए ब्यूटीफुल गर्ल .(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,मार्च २ ,२०११ ,पृष्ठ २१ )।
प्यार में कामयाब रहना है तो खूबसूरत /सुदर्श्नाओं से नैन मटक्का /डेटिंग न करें ।
यदि आप खुद भी 'सुदर्शन कुमार 'हैं तो और बात है वरना खूबसूरत मौतर्माओं से डेटिंग न करें .ये रिश्ते अल्पकालिक साबित हो सकतें हैं .टूटते पहले हैं बनते बाद में हैं ।
अलबत्ता खूबसूरत हजबैंड /बोय्फ्रेंड ढूँढने में कोई जोखिम नहीं है .यही लब्बोलुआब है उस अध्ययन का जो स्टर्लिंग ,चेस्टर और लिवरपूल यूनिवर्सिटी (यु के )की इक टीम ने संपन्न किया है जिसके तहत यह तलाशने जानने की कोशिश की गई थी ,क्या लोग अपने जैसे रूपवान /रूप -वतियों की ओर ही संबध बनाने को प्रवृत्त होतें हैं ?
पता चला रूपगर्विताओं के मामले में सम्बन्ध की चटकन के पीछे ईर्षा का भी हाथ हो सकता है ईर्षा जो कम खूबसूरत पुरुष साथी की ओर से होती है ।
लेकिन जो महिला उतनी खूबसूरत नहीं है उसके पास ओर कोई चारा भी नहीं है ,जो है उसी से काम चलाना है जो भी है .इसीलिए सम्बन्ध टिकाऊ साबित होते हैं उठाऊ /पोर्टेबिल नहीं ।
रिलेशन शिप इन व्हिच दी वोमेन इज मोर अट्रेक्तिव आर डूम्ड टू फ़ैल. ,सेज दी स्टडी .

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