मेल्ट -डाउन ":इस एटमी भट्टी से सम्बंधित पारिभाषिक शब्द का अर्थ और सम्बन्ध एटमी भट्टी की ईंधन छड़ों (न्यूक्लीयर लकड़ियों )के पिघलने से है जिसकी वजह ओवरहीटिंग बनती है फलस्वरूप रेडियो -धर्मी पदार्थ और विकिरण वातावरण में मुक्त होने लगता है .जिससे सेहत के लिए ख़तरा पैदा हो जाता है ।
वैसे इस मेल्टिंग (पिघलाव )की वजह की कंट्रोल रोड्स का नाभिकीय श्रृंखला प्रक्रिया को (न्यूक्लीयर चैन रिएक्शन )को संयमित न रखपाना भी बनता है .और इसलिए तापमानभी बहुत ज्यादा , बेकाबू हो जाता है एटमी भट्टी के केंद्र में (कोर में ).इसे नियंत्रित रखने के लिए निरंतर कूल वाटर रिएक्टर में पम्प करना पड़ता है ।
उच्च तापमान रिएक्टर वेसिल को भी तथा इसे घेरे रखने वाले कन्टेन मेंट सिस्टम को भी असर ग्रस्त करता है .इन प्रणालियों में सेंध लगने का मतलब पर्यावरण में विकिरण का रिसाव होता है ।
क्या हुआ था फुकुशिमा दाइची में ?
देखते ही देखते पहले तीन सक्रिय (एक्टिव )फिर बाकी दो रिएक्टर इकाइयां बंद हो गईं .यह भूकंप की वजह से अपने आप पूर्व निर्धारित सुरक्षा व्यवस्था के तहत ही हुआ था .लेकिन कूल वाटर तो अभी भी निरंतर चाहिए था ताकि फ्यूअल रोड्स और फिर पेलेट्स ज़रुरत से ज्यादा गरमा न सकें लेकिन भू -कंप ने इस व्यवस्था को ही नष्ट कर दिया ,पम्प से ही पानी का रिसाव शुरू हो गया .
बाहर से बिजली लेकर जेन -रेटर्स की मदद से पम्प को फिर चालू किया गया लेकिन इस बाहरी इंतजाम को सुनामी ने लील लिया .इक दम से अप्रत्याशित थी यह घटना .सुरक्षा व्यवस्था भू -कंप का मुकाबला करने के हिसाब से चाक चौबंद मानी जा रही थी लेकिन सुनामी की किसे खबर थी .जिसने इन जेन -रेटर्स को ही नष्ट कर दिया ।
कुछ एटमी बिजली संयंत्रों में अनुमान के अनुसार आंशिक कोर मेल्ट डाउन ही हुआ है असल बात यह है रिएक्टर्स की कन्टेन मेंट वेसिल्स क्या मेल्ट डाउन को थाम लेंगीं ?.या न्यूक्लीयर मेटीरियल पर्यावंरण में दाखिल होगा ?
कन्तेंमेंट प्रणाली में सेंध लगने के गंभीर नतीजे निकलेंगे ?सब कुछ अनुमान आश्रित है अनुमित कुछ भी नहीं है .
वाष्पशील फिशन प्रो -दाक्ट्स(नाभिकीय विखंडन से निकलने वाले उप -उत्पाद ),गैसीय फिशन प्रो -द्क्ट्स ऐसे में प्रणाली को धता बता कर बाहर ज़रूर आयेंगें ,.क्या ज़रूरी ही है ?
शुक्रवार, 18 मार्च 2011
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