शुक्रवार, 4 मार्च 2011

जीवन की निस्सारता पर कटाक्ष .

पानी केरा बुदबुदा ,अस मानस की जात ,देखत ही बूझ जाएगा
ज्यों तारा परभात .
माली आवत देख के कलियाँ करें पुकार ,फूली फूली चुन लई,
कल हमारी बार ।
लगता है क्षणवादी दर्शन के दिन अब लदेंगें,आदमी पैदा तो होगा ,लेकिन अमरत्व लेकर कैंसर कोशा की तरह मरना भूल जाएगा .यही लब्बोलुआब है :२०२५ में जो पैदा होगा वह उमर पट्टा लेकर आयेगा ।
डेथ, दाऊ शेल डाई ,सैड जॉन डोन ४०० ईयर्स बेक .दी प्रोफेसी सीम्स टू कम ट्र्यु।
ज़ाहिर है हमारा कार्बन फुट प्रिंट बढेगा ।
'करके धरती इक हज़म अब मंगल पर मंडराए लोग '-
लगता है आदमी खुद इक ब्लेक होल बन जाएगा वानस्पतिक संशाधनों ,खनिज तेलों ,कुदरत के तमाम खजानों के लिए .इक और सोसल सिंग्यु -लारेटी से हम रु -बा -रु होंगें ।
'ए ब्लेक होल इज ए मेथेमेटिकल सिंग्यु -लारेटी ,व्हेन आल दी नॉन फिजिकल लाज (लाज ऑफ़ फिजिक्स नॉन टू मैन -काइंड)फेल ,मैटर इज क्रश्ड बियोंड रिकग्नीशन .इविन दी इलेक्त्रोंस एंड प्रोटोंस लूज़ देयर 'आई डी '।
ध्यान रहे यह सारा भविष्य -कथन साइंसदानों के मुताबिक इक महती संभावना है जो फलवती भी हो सकती है ।
ए क्रेक्पोट थियरी ?एन एग्ज़ेन्त्रिक ऑर वाइल्ड -ली इमेजिनेतिव ,अन -रियलिस्टिक थियरी ?
नो !सेज साइंटिस्ट्स ।इट मे कम ट्र्यु .
विश्वाशय/विश्वशनीय बनाती है इक लीड स्टोरी इस भविष्य कथन को 'टाइम मैगजीन 'के ताज़ा अंक में .शुक्रिया अदा कीजिये कंप्यूटर विद्या के सर्वयापी सर्व -समावेशी दायरे का ,कृत्रिम बुद्धि के विकास के अभिनव सौपानों का ,आनुवंशिकी (जेनेटिक्स )और जैव -प्रोद्योगिकी (कलम कोशिका -प्रोद्योगिकी इक रोग हीन विश्व की संभावना को साकार कर सकती है )का जिसने आदमी की लम्बी होती उमर को अमरत्व की ओर ढ़केलने की पूरी तैयारी कर ली है .अति मानवीय मशीनें मौत की छुट्टी कर देंगी .मशीन मंथन से अमृत निकलेगा .(ज़ारी ....).

कोई टिप्पणी नहीं: