रविवार, 2 जनवरी 2011

गेस्ट आईटम :नव वर्ष में नव तरंग हो ....(कविता )

"नाद नित नया हो "-लेफ्टिनेंट कमांडर निशांत शर्मा ,४ सी ,अनुराधा ,नोफ्रा ,कोलाबा ,मुंबई -४००-००५ ।

नव वर्ष में नव तरंग हो ,नाद नित नया हो ,

कण कण में , नव उमंग हो ,वाद्य नित नया हो ।

बीती बातें ,बिसरे किस्से ,क्यों न हम सब भूलें ,

नव पौध हो ,नव धूप हो ,खाद कुछ नया हो ।

समता, स्थिरता ,नीरसता का ,दामन अब हम छोड़ें ,

har dishaa me, jaltarang ho,unmaad kuchh nyaa ho .
apne ghar me ,man me thamtaa ,jivan ,ab kuchh badlen ,
mujhme teraa ,tujhme meraaa ,samvaad kuchh nyaa ho .
nav varsh me ,nav tarang ho ,naad nit nyaa ho ,
kan kan me nav umang ho ,vaadya nit nyaa ho .
Prastuti evm sahbhaav :virendra sharma (veerubhai ).

कोई टिप्पणी नहीं: