शुक्रवार, 28 जनवरी 2011

`हबिल दूरबीन ने अति -प्राचीन गेलेक्सी का पता लगाया .

हबिल टेलिस्कोप स्पोट्स ओल्डेस्ट गेलेक्सी एवर सीन (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नै दिल्ली ,जनवरी २८ ,२०११ ,पृष्ठ २१ )।
अब तक की सबसे ज्यादा प्राचीन नीहारिका का पता खगोल विज्ञान के माहिरों ने हबिल दूरबीन की सहायता से लगाया है .समझा जाता है यह सृष्टि के निर्माण के आरम्भिक दौर में अब से १३ अरब बरस पहले ही बन गई थी .(सृष्टि अब से १३.७ अरब बरस पहले एक आदिम अनु में महाविस्फोट से बनी समझी जाती है जो सारा गोचर ,अगोचर पदार्थ -ऊर्जा अति उत्त्पत्त और सान्द्र अवस्था (हॉट एंड डेंस ) में समोए हुए था एक साथ सब जगह मौजूद था यह प्राईमिवल मोलिक्युल ,विद इन्फ़ाइनाइत डेंसिटी ,इन्फानाईट टेम्प्रेचर एंड लिट्टिल और नो साइज़ ।)
इस डिम ओब्जेक्त (मद्धिम रोशन अन्तरिक्ष पिंड से ) से निसृत प्रकाश की टोह बुढ़ाते हबिल टेलिस्कोप ने ली है .समझाजाता है यह पिंड बिग बेंग के मात्र ४८ करोड़ साल बाद ही बन गया था ।
नासा की एक टीम के मुताबिक़ यह नीहारिकाओं की अति -सक्रियता का दौर था .तेज़ी से बन रहीं थीं नीहारिकाएं (गेलेक्सीज़ ).इस दौर में .

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