गुरुवार, 20 जनवरी 2011

हलके में न लें इस चेतावनी को -'इलेक्ट्रोनिक दिवाइसिज़ पोज़ देफ़िनितरिस्क टू प्लेन्स .'

इलेक्ट्रोनिक डिवाई -सीज पोज़ डेफिनित रिस्क टू प्लेन्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी २० ,२०११ ,पृष्ठ २३ )।
हवाई ज़हाज़ के हवाई पट्टी पर दौड़ने से पहले (टेक ऑफ़ )से ठीक पहले यह घोषणा होती है -यात्रियों से निवेदन है वह कृपया अपने मोबाईल फोन्स अन्य गेजेट्स आदि स्वीच ऑफ़ कर दें.टी वी शोज़ तथा संगीत समारोहों की प्रस्तुतियों से पूर्व भी यही घोषणा की जाती है .हमसे से कई इसे हल्कें में लेतें हैं ।
हवाई उड़ान के वक्त यह किसी बड़ी दुर्घटना का सबब भी बन सकती है .हवाईज़हाज़ दुर्घटना ग्रस्त भी हो सकता है .माहिरों के अनुसार -"दी ओपरेशन ऑफ़ सेल फोन्स एंड अदर पोर्टेबिल इलेक्ट्रोनिक दिवाईसिज़ कुड किर्येत ए 'परफेक्ट स्टोर्म 'ऑफ़ इंटर -फियारेंस विद सेंसटिव एयर -क्राफ्ट इन्स -ट्र्यु -मेंट टू काज ए क्रेश -एंड ओल्डरएयर क्राफ्ट्स आर स्पेशियली वल्नारेबिल "
जानतें हैं ऐसा क्यों होता है -आपके घर में जब रेडियो -ट्रांज़िस्टर चल रहा होता है और आप कोई लाईट स्विच ऑन या ऑफ़ करतें हैं तब रेडियो में नोइज़ पैदा होती है .एक विक्षोभ पैदा होता है .क्योंकि आपका रेडियो आवांछित सिग्नल्स (रेडियो वेव्स ,विद्युत् -चुम्ब- कीय तरंगें पकड़ने लगता है जो ऑन -ऑफ़ की प्रक्रिया से पैदा होतीं हैं .सभी इलेक्ट्रोनिक प्रणालियों में ऐसा ही होता है ,सेल फोन्स में भी .ऐसे में अवांछित सिग्नल्स हवाई ज़हाज़ के इलेक्ट्रोनिक सर्किट में विक्षोभ पैदा करतें हैं ,डिस्टर्बेंस पैदा करके एक खतरे को निमंत्रित कर सकतें हैं .इसलिए कृपया सावधान रहें .चेतावनी को हलके में न लें .पुराने पड़ चुके हवाई ज़हाजों में नै उम्र के गेजेट्स से पैदा सिग्नल्स से बचाव का कोई ज़रिया भी नहीं है .

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