किसी चीज़ को खाने से हमारे रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर कम और किसी और चीज़ की समान मात्रा खाने से ज्यादा बढ़ता है .मसलन १००ग्रेम अंगूर खाने के बाद रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर कुछ समय बाद वह नहीं होगा जो १०० ग्रेम एपिल(सेब )खाने के ठीक उतने ही समय बाद होगा .यहाँ हम अंगूर को फास्ट सुगर वाला खाद्य तथा सेब को लो -सुगर कह सकतें हैं .दूसरे शब्दों में अंगूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सेब के ग्लाइसेमिक इंडेक्स से ज्यादा कहलायेगा .वास्तव में ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक अंक है जिसकी गणना आसानी से की जा सकती है ।
आपको २५ ग्रेम ग्लूकोज़ दिया गया इसके कुछ समय बाद आपके रक्त में ग्लूकोज़ स्तर जांचा गया .अब जानना यह है कितने अंगूर आपको खिलाये जाएँ जो ठीक उतने ही समय बाद ब्लड ग्लूकोज़ उतना ही बढा देंल।
ग्लूकोज़ और अंगूर की अब इस मात्रा का अनुपात आप निकाल लें .
(ग्लूकोज़ की मात्रा )/(अंगूर यानी मात्रा )के भागफल को १०० से गुना ( जरब यानी मल्टीप्लाई )करने पर खाए हुए पदार्थ का ग्लैसेमिक इंडेक्स आजायेगा ।
यानी ग्लूकोस और खाए गये पदार्थ की वह मात्रा जिसके सेवन से रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर समान रूप से बढता है के अनुपात को १०० से मल्टीप्लाई करने पर उस पदार्थ का ग्लैक्सेमिक इंडेक्स प्राप्त हो जाता है ।
मधुमेह रोगी के लिए वह आहार उत्तम है जिसका ग्लैसेमिक इंडेक्स लो है .जिसे खाने के तुरंत बाद शक्कर खून में रश नहीं करती धीरे धीरे बढती है और कम बढती है .
कुछ खाद्य पदार्थों के ग्लासेमिक इंडेक्स इस प्रकार है :चपाती ७० ,पराठा ७० ,चावल ७२ डबलरोटी ७०,बाजरा ७१ खिचड़ी ५५ ,इडली ८० ,उपमा ७५ ,दूध ३३ ,दही ३३ ,ग्लूकोज़ १०० ,शहद ८७ ,सक्रोज़ ५९ ,माल्तोज़ १०५ ,फ्रक्तोज़ (ताज़े फल )२० ,छोले ६५ ,सोयाबीन ५६,राजमा २९ ,अंकुरित चने ६०, सेब३९ ,केला ६९ ,संतरा ४० ,संतरे का जुइस ४६ .
शनिवार, 29 जनवरी 2011
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