एंटी -बायोटिक्स का एक वर्ग है एर्य्थ्रोम्य्सिन,क्लारिथ्रो -माइसिन और एज़िथ्रो -माइसिन .देखा गया है कुछ ओल्डर एडल्ट्स में जो ब्लड प्रेशर के प्रबंधन के लिए केल्सियम चेनल ब्लोकर्स पर चल रहे होतें हैं इनमे से पहले दो का स्तेमाल एक दम से रक्त चाप में गिरावट ला देता है .ऐसे में इन्हें अस्पताल में भर्ती करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है .आखिर ऐसा होता क्यों हैं ?आइये देखें ।
वास्तव में एरिथ्रो -माय्सीन तथा क्लारिथ्रो -माय्सिन केल्सियम चेनल के अपचयन (मेटाबोलिज्म )के लिए ज़रूरी एक एंजाइम को ऐसा करने से रोक्तें हैं इसे बे -असर कर देतें हैं .अजीथ्रो -माय्सिन के संग साथ ऐसा नहीं होता है .ऐसे में रक्त में केल्सियम चेनल ब्लोकर्स का स्तर यकायक ऊपर चला आता है ,बढ़ जाता है .यही कई मर्तबा एक दम से लो ब्लड प्रेशर की वजह बन जाता है .अजीथ्रो माय्सिन इस एंजाइम को ब्लोक नहीं करता है .इसलिए दिया जा सकता है केल्सियम चेनल ब्लोकर्स के साथ जो एक लॉन्ग टर्म मेदिकेसन समझा जाता है,ब्लड प्रेशर के प्रबंधन में ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-एंटी -बायोटिक्स ,ब्लड प्रेशर ड्रग्स कैन बी ए रिस्की मिक्स .(डी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी १९ ,२०११ ,पृष्ठ २३ ).
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