नाव ,जी एम् चिकिंस टू फाईट बर्ड फ्ल्यू .साइंटिस्ट डेव- लप बर्ड्स देट डोंट स्प्रेड डिजीज ,प्रिवेंट एपिदेमिक्स .(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी १५ ,२०११ ,पृष्ठ २१ )।
ब्रितानी साइंसदानों ने आनुवंशिक तौर पर संशोधित चिकिंस की ऐसी प्रजाति तैयार की है जो परस्पर एक दूसरे को सक्रमित नहीं करेंगी .इससे बर्ड फ्ल्यू के पक्षियों से मनुष्यों को लगने वाले रोग संक्रमण का ख़तरा भी कम हो जाएगा .बेशक एच ५ एन १ बर्ड फ्यू से रोग संक्रमित होने पर ट्रांसजेनिक चिकिंस(पार जातीय चिकिन) बीमार भी होतें हैं मर भी जातें हैं लेकिन इनसे रोग संक्रमण अन्य बर्ड्स को नहीं लगेगा ।
एच ५ एन १ बर्ड फ्ल्यू एशिया और मिडिल ईस्ट में प्रसार पा रहा है बेशक कभी कभार यह योरोप में भी प्रसार पाता है. २००३ से अब तक यह लाखों बर्ड्स के रोग संक्रमण से मर जाने या फिर इन्हें मार दिए जाने कि वजह बना है .ताकि अन्य बर्ड्स को संक्रमित न होने दिया जाए ।
यह बिरले ही मानवीय संक्रमण की वजह बनता है .लेकिन जब भी ऐसा होता है उग्र रूप लिए होता है .विश्व -स्वास्थ्य संगठन ने २००३ से अब तक मनुष्यों में इसके इन्फेक्सन के ५१६ मामले दर्ज़ किये हैं जिनमे से ३१६ लोग मारे गएँ हैं ।
ख़तरा यह है यह विषाणु एक ऐसी किस्म में उद्भूत हो जाएगा इवोल्व कर लेगा अपने आपको जिससे लोग शीघ्र ही न सिर्फ संक्रमित हो जायेंगें औरों को भी कर देंगें .ऐसे में इसके विश्व -मारी (पेंदेमिक आलमी महा -मारी,भू -मंडलीय बीमारी ) बनने का वास्तविक ख़तरा पैदा हो जाता है .ऐसे में इससे होने वाली मौतें सहज अनुमेय हैं ।
दक्षिण पूर्व एशिया ,चीन और अफ्रिका के कुछ हिस्सों में यह एक बड़ा खाद्यएवं आर्थिक सुरक्षा मुद्दा बना रहा है .साउथ कोरिया पहले ही फुट एंड माउथ डिजीज से जूझ रहा है .पोल्ट्री फोर्म्स पर एच ५ एन १ बर्ड फ्ल्यू वायरस मिलने के बाद उसने पोल्ट्री फ़ार्म में एलर्ट लेविल बढा दिया है .खाद्य और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकता है जी एम् चिकिंस ।
जी एम् चिकिंस तैयार करने के लिए रिसर्चरों ने चिकिंस में एक नया जीन डाला है जो एक डिकाई मोलिक्युल बनाता है ।
"इट विल इनेवितेब्ली बी मोर एक्सपेंसिव बिकोज़ यु वुड हेव टू यूज़ डी प्रोडक्ट्स ऑफ़ ब्रीडिंग कम्पनीज टू स्टोक दी प्रोड्यूसर्स."बेशक टीकाकरण की ज़रुरत और मुर्गियों का झुण्ड के रूप में संक्रमित होना भी कम होगा .चीन इस सबके लिए राजी है .आखिर ग्रोथ भी तो कोई चीज़ है . जन कल्याण भी, और चीन एक जनकल्याणकारी राज्य है .
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