इट इज गोइंग टू बी होटर ,वेटर .साइंटिस्ट्स ग्रिम फोरकास्ट मीन्स क्रोप फेलियोर्स .२सेल्सियस राइज़ बाई मिडिल ऑफ़ सेंच्युरी एंड ३.५ बाई इट्स एंड .बेंड ऑफ़ हॉट डेज़ टू गेट लोंगर ,रिज़ल्ट इन मोर हीट -वेव देथ्स .ओन कंज़र्वेटिव एस्टीमेट ,क्रोप ईल्ड कुड रिड्यूस बाई २०%.८-१० %राइज़ इन मोंसून इन्तेंसिती इन्क्रीज़िज़ रिस्क ऑफ़ फ्लड्स एंड क्रोप लोस .मे -ओक्टूबर पीरियड कुड सी अपटू२०%राइज़ .(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,लीड स्टोरी ,जनवरी २९ ,२०११ ,पृष्ठ मुख पृष्ठ ,नै -दिल्ली संकरण .).
शताब्दी के शेष बचे दिनों में भारत में तापमान गत १३० सालों का उच्चतम रिकोर्ड तोड़ देंगें .मानसून का मिजाज़ भी बदलेगा .ज्यादा बरसात गिरेगी .कहीं कम समय में बेहिसाब मूसला धार बरसात देखते ही देखते बाढ़ का मंज़र पैदा करेगी .फसल तो ऐसे में उस इलाके की बर्बाद होगी ही ।
इंडियन -इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रोपिकल मिटीओरोलोजी ,पुणे के माहिर मौसम विद के ताज़ा अन्वेषण किसी अनहोनी की चेतावनी से देते प्रतीत होतें हैं .अनिष्ट की आशंका फ्रांस ,अमरीका ,टाई -लैंड के माहिरोंने भी व्यक्त की है .आशंका तापमानों के उच्चतर होते चले जाने की है ।
दिन के तापमान उच्चतर होने के अनुमान व्यक्त किये गए हैं .तापमानो से यूं राहत रात में भी नहीं मिलेगी .गर्म दिन लम्बे भी होन्गे रातों के बरक्स .आज के दिनों की अवधि के बरक्स ।
गरम दिनों की सौगात लू बन कर कहर बरपाएगी .हीट -वेव देथ्स में इजाफा होगा .फसलें चौपट होंगी सो अलग ।
२०५० तक भारत भर मेंसालाना औसत तापमानों में २ सेल्सियस की वृद्धि दर्ज़ हो सकती है .तथा शती के आखिरी चरण में यह बढ़ोतरी ३.५ सेल्सियस तक पहुँच सकती है ।
यह आकलन अनेक वैज्ञानिक और गणितीय फोर्मूलों पर आधारित है .जिनका आकलन में साथ- साथ इन -टेंदम स्तेमाल किया गया है .
ऐसे ही एक मोडल के अनुसार शताब्दी के आखिर तक ६ सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज़ हो सकती है .आसार अच्छे नहीं हैं .
शनिवार, 29 जनवरी 2011
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