व्हाट इज सायलेंट बर्थ ?
यह एक पद्धति ,तरकीब न होकर एक रिवाज़ है जिसकी वकालत सा -इन -टो -लोजिस्टों ने की है .इस प्रसव कराने की परम्परा में प्रसूता (प्रसव को उद्द्यत )महिला के गिर्द पूर्ण शांत माहौल बद पैदा किया जाता है एक दम से प्रशांत ,निस्शब्द ।
आमतौर डॉक्टर्स और नर्सें गर्भवती महिला के गिर्द अदबदाकर हंसी -ठट्टा ,हंसी मज़ाक करते रहतें हैं और यह सब प्रसव को सुगम बनाने की नियत से महिला को प्रेरित करने लेबर में मदद के लिए किया जाता है ।
सायलेंट बर्थमें यह सबशोरशराबा ,हंसी मज़ाक वर्जित है ।
ऐसा समझा जाता है इस परम्परा के समर्थकों के द्वारा ,हमारे दिमाग का प्रतिक्रियात्मक हिस्सा बदतर हालातों में दर्द और बेहोशी के एहसास को दर्ज़ करता चलता है ।जिसकी वजह से खौफनाक एहसास (नाईट -मेयर्स ),मनोकायिक रोग भावी जीवन में प्रसूता को घेर सकतें हैं .
साइन -टो -लोजिस्ट्स के शब्दों में -इट इज बिलीव्द देट दी रिएक्टिव पार्ट ऑफ़ अवर माइंड रिकोर्ड्स दी पर्सेप्संस ड्यूरिंग एडवर्स कंडीशंस लाइक पैन एंड अन -कान -शश -नेस एंड कैन लीड टू नाईट -मेयर्स साइको -सोमाटीक इलनेस एंड फीयर्स लेटर इन लाइफ .(ज़ारी ...)
रविवार, 30 जनवरी 2011
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