लिगामेंट इंजरी (स्नायु अस्थि बंध) लिगामेंट के टोर्न हो जाने पर अब तक उसकी रिपेयर के लिए डोनर टिश्यु के स्तेमाल के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था इस एवज़ मरीज़ के ही या तो पटेल्लर टेंदोन (टेंडन)या फिर हम्स्त्रिंग टेंडन का ही प्रयोग हो सकता था .हम जानतें हैं पटेल्लर टेंडन नी केप से शिन बोन तक जाता है .शिन बोन को टिबिया भी कहा जाता है .टांग के नीचे की दो हड्डियों में से अन्दर की बड़ी हड्डी ,अंतर जन्घिका टिबिया कहलाती है .इसी का पर्यायवाची है शिन बोन .(फिब्युला )।
हेम्स्त्रिंग टेंडन को घुटनस भी कहा जाता है .घुटने के पीछे की नस जो टांग के ऊपर के हिस्से की मांसपेशियों को नीचे की हड्डियों से जोडती है .हेम्स्त्रिंग इज वन ऑफ़ दी फाइव स्ट्रोंग थिन तिश्यूज़ (टेंदंस ) बिहाइंड योर नी देट कनेक्ट दी मसल्स ऑफ़ योर अपर लेग टू दी बोनस ऑफ़ योर लोवर लेग्स ।
अब उस आदमी से भी डोनर टिश्यु लिए जा सकेंगें जिसकी अभी -अभी मृत्यु हुई है तथा इनका स्तेमाल क्षति ग्रस्त (टोर्न )अस्थि बंध (लिगामेंट्स )की मरम्मत के लिए किया जा सकेगा ।
हड्डियों की सर्जरी के एक ब्रितानी माहिर (ओर्थो -पिडिक सर्जन) सिमों मोयेस ने यह नै टेक्नीक ईजाद की है जिससे दाता ऊतकों को भी प्रत्यारोपित किया जा सकेगा .
मोयेस इसे ग्राउंड ब्रेकिंग सर्जरी बतला रहें हैं .अब इस शल्य के लिए मृत व्यक्ति से ऊतक लिए जा सकेंगें बशर्ते उसकी मृत्यु हुए अधिक समय न बीता हो .
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें