एंटी -ओक्सिदेंट्स आर गुड फॉर मेन बट बेड फॉर वोमेन (मुंबई मिरर ,जनवरी २० ,२०११ ,पृष्ठ २४ )।
एंटी -ओक्सिदेंट्स मर्दों की मर्दानगी के लिए भी अच्छे हैं क्योंकि यह शुक्राणुओं स्पर्म सेल्स को होने वाली नुकसानी को कम करतें हैं एक प्रकार से लो स्पर्म काउंट का समाधान प्रस्तुत करतें हैं .संतान चाहने वाले मर्दों के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है ।
वास्तव में हमारे शरीर में रसायनों का एक समूह रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीसीज कहलाता है .यही रसायन कोशिकाओं को खासकर स्पर्म सेल्स को नष्ट करतें हैं .इन्हें संक्षेप में "आर ओ एस" कह दिया जाता है .एंटी -ओक्सिदेंट्स 'आर ओएस 'से होने वाले स्पर्म सेल डेमेज को कम करतें हैं ।
लेकिन यही एंटी -ओक्सिडेंट औरतों के लिए प्रजनन सम्बन्धी बाधाएं खड़ी कर सकतें हैं .आइये देखे कैसे एक अध्ययन के झरोखे से ।
अपने एक प्रयोग में साइंसदानों ने जब फिमेल माइस की ओवरीज़ में एंटी -ओक्सिडेंट लगाया तब ओव्युलेसन लेविल (ओवम का बनना कम हो गया ,डिम्ब क्षरण कमतर हो गया ).ओवेरियन फोलिकिल्स (अंडाशय की अंड -वाहिनी नलिकाओं से )से कम एग्स रिलीज़ हुए .इनमे से कम ही फ़र्तिलाइज़ेसन की साईट तक पहुंचे .लेकिन अन -उपचारित फिमेल माइस के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ ।
ऐसा लगता है आर ओ एस रसायन ओव्युलेसन की प्रक्रिया को असर ग्रस्त करते हैं .ओव्युलेसन इन्ही के भरोसे रहता है जबकि एंटी -ओक्सी देंट्स इन रसायनों को ही नष्ट कर देता है या निष्क्रिय बना देता है .अभी और आजमाइशों की गुंजाइश है कुछ भी कहने निष्कर्ष निकालने से पहले .
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