गैस और रक्त -चाप नाशक त्रिमित्र चूर्ण :
(१)जीरा -२५० ग्रेम (२)काली मिर्च -५० ग्रेम (३)देशी खांड -३०० ग्रेम
उपरोक्त तीनो को पीसकर बारीक चूर्ण बनाएं ।
चूर्ण त्रिमित्र बनाने कि विधि :पहले सफ़ेद जीरा लेकर मामूली सा भून लें .ताकि इससे सुगंध आने लगे और चूर्ण जल्दी बने .अब सभी चीज़ों को एक साथ चूर्ण करें ,ग्राउंड करें .इसे बारीक मैदे की छलनी से छानें .हाथ न लगायें चूर्ण को .छानने के बाद जो छानन निकले उसे दोबारा बारीक- बारीक पीसें.फिर फिर कर छानें और पीसें .आखिर में जीरा पत्तियाँ ,काडी तिनके दिखें ,फेंकें नहीं इस छानन को .चूर्ण में ही बारीक कर करके मिलातें रहें .इसे कांच की शीशी में संजोकर रख लें .
दो चम्मच एक बार में दिन में दो बार कभी भी ले सकतें हैं इस चूर्ण को ।
लाभ क्या है त्रिमित्र चूर्ण के ?
(१)उष्णता (हीट) कम . करता है .(२)पाचन शक्ति बढाता है .(३)आँतों को ताकत देता है (४)गैस एवं अम्ल पित्त (एसिडिटी )में आराम दिलवाता है .(५)ब्लड प्रेशर -दोनों -उच्च और निम्न रक्त चाप का नियंत्रण करता है ,विनियमन करता है ।
आबाल -वृद्धों ,गर्भ -वती महिलायें भी इसका सेवन कर सकतीं हैं .
बुधवार, 26 जनवरी 2011
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